ये है दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा, करेगा ब्रह्मांड का विस्तृत अध्ययन

Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Mar, 2025 11:30 AM

worlds largest digital camera installed on vera rubin observatory

लार्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप (LSST) दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा है, जो वेरा सी. रुबिन वेधशाला में स्थापित कर दिया गया है। यह कैमरा अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल इमेजिंग उपकरण है, जिसे अगले दशक तक दक्षिणी गोलार्ध के रात के आकाश का व्यापक...

नेशनल डेस्क. लार्ज सिनॉप्टिक सर्वे टेलीस्कोप (LSST) दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा है, जो वेरा सी. रुबिन वेधशाला में स्थापित कर दिया गया है। यह कैमरा अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल इमेजिंग उपकरण है, जिसे अगले दशक तक दक्षिणी गोलार्ध के रात के आकाश का व्यापक सर्वेक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस कैमरे को सिमोनयी सर्वे टेलीस्कोप पर सफलतापूर्वक इंस्टॉल किया गया है और अब अंतिम परीक्षण चरण की शुरुआत होने वाली है। इस कैमरे का उद्देश्य ब्रह्मांड का अभूतपूर्व टाइम-लैप्स रिकॉर्ड तैयार करना है और 2025 तक वेधशाला का संचालन शुरू हो जाएगा। यह परियोजना अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (NSF) और ऊर्जा विभाग (DOE) के संयुक्त वित्त पोषण से संभव हुई है।

LSST कैमरा से मिलेगा आकाश का अद्वितीय मानचित्रण

NSF–DOE वेरा सी. रुबिन वेधशाला के अनुसार, LSST कैमरा हर कुछ रातों में पूरे आकाश का व्यवस्थित रूप से सर्वेक्षण करेगा और अत्यधिक उच्च-रिजॉल्यूशन वाली छवियां प्रदान करेगा। एक ही छवि इतनी विस्तृत होगी कि उसे दिखाने के लिए 400 अल्ट्रा-एचडी टेलीविजन स्क्रीन की आवश्यकता होगी। इस कैमरे की मदद से सुपरनोवा, क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉइड्स) और द्रुतगामी तारे (पल्सेटिंग स्टार्स) जैसी खगोलीय घटनाओं का अध्ययन किया जा सकेगा, जिससे ब्रह्मांडीय घटनाओं के बारे में नई जानकारियां प्राप्त होंगी।

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के अध्ययन में मददगार

वेरा सी. रुबिन वेधशाला का नाम प्रसिद्ध खगोलशास्त्री वेरा रुबिन के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने अपने सहकर्मी केंट फोर्ड के साथ मिलकर यह पाया था कि आकाशगंगाएं उस गति से नहीं घूम रही थीं, जैसा कि गुरुत्वाकर्षण के नियमों से अनुमानित था। इसके परिणामस्वरूप यह निष्कर्ष निकला कि कोई अदृश्य पदार्थ, जिसे डार्क मैटर कहा जाता है, आकाशगंगाओं की गति को प्रभावित कर रहा है। यह उन्नत ऑप्टिकल और डेटा-प्रोसेसिंग तकनीकें इस रहस्यमयी पदार्थ को और गहराई से समझने में मदद करेंगी और डार्क एनर्जी के प्रभावों का मापन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

नए वैज्ञानिक अध्याय की शुरुआत

वेरा सी. रुबिन वेधशाला और इसके LSST कैमरे से खगोलशास्त्र के क्षेत्र में नई क्रांति की संभावना जताई जा रही है। यह कैमरा आकाश की घटनाओं का गहरा और विस्तृत अध्ययन करने में सक्षम होगा, जो ब्रह्मांड की संरचना और विकास को समझने में अहम योगदान देगा।

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