Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Feb, 2025 04:23 PM
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दिल्ली में पानी की आपूर्ति पर खतरा मंडरा रहा है और इसके पीछे यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण का संकट है। पिछले दो दिनों में यमुना नदी में अमोनिया का स्तर 8ppm तक पहुँच गया है, जो दिल्ली के वाटर प्यूरिफिकेशन प्लांट के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन चुका...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में पानी की आपूर्ति पर खतरा मंडरा रहा है और इसके पीछे यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण का संकट है। पिछले दो दिनों में यमुना नदी में अमोनिया का स्तर 8ppm तक पहुँच गया है, जो दिल्ली के वाटर प्यूरिफिकेशन प्लांट के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन चुका है। इन प्लांट्स को केवल 1ppm तक अमोनिया को संभालने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ऐसे में अगर स्थिति में सुधार नहीं होता तो दिल्ली में पानी की सप्लाई प्रभावित हो सकती है। अभी 2 दिनों पहलें एक तस्वीरें वायरल हो रही थी जिसमें देखा गया था कि यमुना की सफाई का कार्य चल रहा था, जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी साझा किया था।
यमुना नदी में अमोनिया का बढ़ता स्तर कारण और प्रभाव
यमुना में अमोनिया का स्तर अक्सर सर्दियों के दौरान बढ़ जाता है और कभी-कभी गर्मियों में भी यह समस्या सामने आती है। यह प्रदूषण का मुख्य कारण हरियाणा से आने वाला गंदा पानी और औद्योगिक कचरा है। ये तत्व यमुना में मिलकर अमोनिया का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे दिल्ली के जल शोधन संयंत्रों की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। अमोनिया का उच्च स्तर पानी को शुद्ध करने के प्रयासों को बाधित करता है और पानी की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डालता है। दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक पानी की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है, लेकिन अगर यह समस्या बनी रही तो जल आपूर्ति में कमी हो सकती है। हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
राजनीतिक विवाद और समाधान के प्रयास
यमुना में बढ़ते प्रदूषण पर राजनीतिक विवाद भी छिड़ चुका है। विधानसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था, और आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया था कि हरियाणा में भाजपा सरकार जानबूझकर यमुना में प्रदूषित जल छोड़ रही है। इस विवाद ने चुनाव आयोग का भी ध्यान खींचा था और यह मामला राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गया था। पिछली AAP सरकार ने यमुना के प्रदूषण को कम करने के लिए वजीराबाद में एक अमोनिया शोधन संयंत्र बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। हालांकि, यह एक संभावित समाधान हो सकता है, यदि इसे जल्द लागू किया जाए।
हरियाणा से प्रदूषित जल का प्रभाव
दिल्ली जल बोर्ड का कहना है कि हरियाणा से आने वाले प्रदूषित जल और औद्योगिक कचरे के कारण यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ रहा है। चूंकि हरियाणा में भी भाजपा सरकार है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस समस्या का समाधान जल्दी निकल सकेगा। दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर पहले भी कई बार चिंता जताई है और प्रदूषण कम करने के उपायों की वकालत की है।
दिल्ली में पानी का संकट क्या हो सकता है समाधान?
यमुना में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा कई सालों से दिल्ली के जल संकट का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। हर वर्ष सर्दियों के मौसम में अमोनिया का स्तर बढ़ने से पानी की शुद्धता पर संकट गहराता है। दिल्ली जल बोर्ड और राज्य सरकार को मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है। अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं निकल पाया है, लेकिन इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई गई हैं, जैसे वजीराबाद में अमोनिया शोधन संयंत्र की स्थापना। अगर ये योजनाएं जल्द लागू हो जाती हैं तो भविष्य में पानी की आपूर्ति में सुधार हो सकता है।