Edited By Mahima,Updated: 23 Dec, 2024 03:26 PM
साल 2024 में कई प्रमुख हस्तियों ने इस दुनिया को अलविदा कहा, जिनमें रतन टाटा, सीताराम येचुरी, मुनव्वर राणा, जाकिर हुसैन, शारदा सिन्हा, रोहित बल, पंकज उधास, अतुल परचुरे, विकास सेठी, और सुहानी भटनागर शामिल हैं। इन व्यक्तित्वों ने अपने-अपने क्षेत्रों...
नेशनल डेस्क: साल 2024 अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और इस वर्ष हमसे कई महान और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों ने हमेशा के लिए विदा ले ली। यह साल हमारे लिए न केवल खुशियों का बल्कि ग़म और संवेदनाओं का भी साल रहा। राजनीति, व्यवसाय, कला, संस्कृति, और मनोरंजन की दुनिया से जुड़ी कई बड़ी हस्तियों ने इस दुनिया को अलविदा कहा, और उनके योगदान ने हमेशा समाज और देश को प्रभावित किया। ये हस्तियाँ अपने-अपने क्षेत्रों में अनमोल योगदान देने वाली थीं, जिनका रिक्त स्थान कभी नहीं भरा जा सकेगा। आइए, इस वर्ष की प्रमुख हस्तियों के निधन पर एक नजर डालते हैं जिन्होंने दुनिया को अलविदा कहा।
रतन टाटा (Ratan Tata)
बिजनेस और उद्योग जगत का एक प्रतिष्ठित नाम, रतन टाटा, 86 वर्ष की आयु में इस साल हमसे बिछड़ गए। टाटा समूह के मानद चेयरमैन और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। वह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार थे, और लंबे समय तक इलाज के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। रतन टाटा को विशेष रूप से उनकी दूरदर्शिता, समाज के प्रति उनकी नज़रिया, और उनके नेतृत्व के लिए याद किया जाएगा। टाटा समूह ने भारतीय उद्योग में जिस तरह से क्रांति लाने का काम किया, वह टाटा के नेतृत्व में ही संभव हो पाया। उनका योगदान सिर्फ व्यापारिक सफलता तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई सामाजिक कार्यों और समाज सेवा की दिशा में भी कदम बढ़ाए। उनके निधन पर राजनीति, फिल्म इंडस्ट्री, और अन्य क्षेत्रों की कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया।
सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury)
भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव, सीताराम येचुरी का निधन 19 अगस्त को हुआ। वह 73 वर्ष के थे और फेफड़े की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण चेहरों में से एक थे। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपने विचारों और संघर्षों के माध्यम से कई परिवर्तन की पहल की थी। 1974 में उन्होंने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा और 1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) में शामिल हो गए। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हुआ है। वह अपने जीवन भर वामपंथी विचारधारा और श्रमिक वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।
मुनव्वर राणा (Munawwar Rana)
उर्दू शायरी की दुनिया के बड़े नाम मुनव्वर राणा का निधन 14 जनवरी 2024 को हुआ। वह 71 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। मुनव्वर राणा का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था और उन्होंने उर्दू शायरी को नई दिशा दी थी। उनकी शायरी में अवधी और हिंदी के शब्दों का प्रयोग विशेष रूप से देखा जाता था, जिसने उन्हें भारतीय शायरी के प्रेमियों के बीच एक विशिष्ट पहचान दिलाई। मुनव्वर राणा की शायरी ने भारतीय समाज को अपनी गहरी सोच और संवेदनाओं से जुड़ने का एक नया रास्ता दिखाया। उनके निधन से उर्दू साहित्य जगत में गहरी शोक लहर दौड़ गई।
जाकिर हुसैन (Zakir Husain)
भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन भी इस वर्ष हुआ। वह 73 वर्ष के थे और फेफड़ों की गंभीर बीमारी, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे। जाकिर हुसैन को भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अद्वितीय स्थान प्राप्त था और उनका नाम दुनिया भर में संगीत प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध था। उन्होंने अपनी संगीत यात्रा के दौरान कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया। जाकिर हुसैन का योगदान भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने में बहुत महत्वपूर्ण था। उनके निधन ने संगीत की दुनिया में अपूरणीय रिक्तता छोड़ दी है।
शारदा सिन्हा (Sharda Sinha)
बिहार की स्वर कोकिला और छठ गीतों की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा का 5 नवंबर 2024 को निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं और मल्टीपल मायलोमा (ब्लड कैंसर) से जूझ रही थीं। शारदा सिन्हा ने छठ पूजा के गीतों को एक नया आयाम दिया और उनका योगदान बिहार और उत्तर भारत के लोक संगीत में अमूल्य था। उनके गाए गीतों की लोकप्रियता आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। शारदा सिन्हा का निधन बिहार और भारतीय संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति थी।
रोहित बल (Rohit Bal)
फैशन डिज़ाइनिंग की दुनिया के दिग्गज नाम, रोहित बल का 1 नवंबर 2024 को निधन हुआ। 63 वर्ष के रोहित बल को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनका निधन हुआ। रोहित बल भारतीय फैशन इंडस्ट्री में एक जाना पहचाना नाम थे और उनकी डिज़ाइनिंग ने भारतीय फैशन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उनका निधन फैशन इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति मानी जाती है, क्योंकि उन्होंने भारतीय फैशन को एक नया मोड़ दिया था।
पंकज उधास (Pankaj Udas)
प्रसिद्ध गज़ल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हुआ। वह 72 वर्ष के थे और पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। पंकज उधास की गज़लें हमेशा भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों में गूंजती रहेंगी। उन्होंने गज़ल गायन में एक नई दिशा दी और उनका संगीत भारतीय संगीत जगत का अहम हिस्सा बन चुका था। उनका योगदान भारतीय गज़ल संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में था।
अतुल परचुरे (Atul Parchure)
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता अतुल परचुरे का 14 अक्टूबर 2024 को निधन हुआ। वह 57 वर्ष के थे और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। अतुल परचुरे ने अपनी शानदार कॉमेडी और अभिनय के लिए प्रसिद्धी प्राप्त की थी। उन्होंने कई टीवी शो और फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता। उनके निधन से टीवी इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है।
विकास सेठी (Vikas Sethi)
टीवी इंडस्ट्री के प्रमुख अभिनेता विकास सेठी का निधन 8 सितंबर 2024 को हुआ। वह 48 वर्ष के थे और दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। विकास सेठी ने कई टीवी शो में अभिनय किया और उनकी भूमिकाओं को दर्शकों ने खूब सराहा। उनका निधन भारतीय टीवी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है।
सुहानी भटनागर (Suhani Bhatnagar)
फिल्म 'दंगल' में बबीता फोगाट का किरदार निभाकर मशहूर हुईं अभिनेत्री सुहानी भटनागर का 16 फरवरी 2024 को निधन हुआ। वह केवल 19 वर्ष की थीं। सुहानी का निधन एक दुखद घटना थी, और उनके परिवार तथा फैंस के लिए यह एक गहरी चोट थी। उनकी यादें और उनका काम हमेशा जीवित रहेगा। साल 2024 में कई प्रमुख हस्तियों ने इस दुनिया को अलविदा कहा, जिनमें रतन टाटा, सीताराम येचुरी, मुनव्वर राणा, जाकिर हुसैन, शारदा सिन्हा, रोहित बल, पंकज उधास, अतुल परचुरे, विकास सेठी, और सुहानी भटनागर शामिल हैं। इन व्यक्तित्वों ने अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और उनके निधन से समाज तथा उनके फैंस को गहरी क्षति हुई है।