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कार्ड से पेमेंट करने वाले ध्यान दें! 2000 रुपए तक के पेमेंट पर देना पड़ सकता है 18 फीसदी GST

Edited By rajesh kumar,Updated: 08 Sep, 2024 07:27 PM

you may have to pay 18 gst on payments up to rs 2000

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की बैठक 9 सितंबर को होने वाली है, जिसमें डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों जैसे बिलडेस्क (BillDesk) और सीसीएवेन्यू (CCAvenue) पर 18% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है। अगर यह फैसला लागू...

नेशनल डेस्क: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की बैठक 9 सितंबर को होने वाली है, जिसमें डिजिटल पेमेंट प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों जैसे बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू (CCAvenue) पर 18% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है। अगर यह फैसला लागू होता है, तो इन कंपनियों को 2000 रुपए से कम के लेनदेन पर भी जीएसटी देना पड़ेगा। फिलहाल, 2000 रुपए से कम के ट्रांजेक्शन पर इन कंपनियों को टैक्स से छूट मिलती है।

टैक्स का कारण
जीएसटी फिटमेंट पैनल का कहना है कि पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियों को बैंकों की तरह नहीं माना जा सकता। इसलिए, उन्हें जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल ने सुझाव दिया है कि इन कंपनियों पर 18% जीएसटी लागू किया जाना चाहिए। अगर यह फैसला लिया गया, तो यह डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए बड़ा झटका होगा, क्योंकि भारत में कुल डिजिटल लेनदेन का 80% हिस्सा 2000 रुपए से कम मूल्य का है।

2016 से अब तक की स्थिति
2016 में नोटबंदी के बाद, सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर पेमेंट एग्रीगेटर्स को छोटे लेनदेन पर व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स लगाने से रोक दिया था। फिलहाल, पेमेंट एग्रीगेटर्स हर ट्रांजेक्शन पर व्यापारियों से 0.5% से 2% तक का शुल्क लेते हैं। अगर जीएसटी लागू होता है, तो यह अतिरिक्त लागत व्यापारियों पर डाल सकते हैं।

छोटे व्यापारियों पर होगा असर
अगर जीएसटी लागू होता है, तो छोटे व्यापारियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, यदि 1000 रुपए के लेनदेन पर 1% शुल्क लगता है, तो व्यापारी को फिलहाल 10 रुपए देने पड़ते हैं। जीएसटी लागू होने के बाद यह बढ़कर 11.80 रुपए हो जाएगा। इससे छोटे व्यापारियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा।

यूपीआई पर कोई असर नहीं
हालांकि, यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शन पर जीएसटी का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगता है। वित्त वर्ष 2024 में यूपीआई ट्रांजेक्शन में 57% की बढ़ोतरी हुई है और यह 131 अरब को पार कर गया है। डिजिटल पेमेंट में यूपीआई की हिस्सेदारी 80% से अधिक हो चुकी है। जीएसटी सिर्फ डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किए गए ट्रांजेक्शन पर लागू होगा। अगर GST काउंसिल इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो डिजिटल पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए यह बड़ी चुनौती होगी, खासकर छोटे व्यापारियों के लिए, जो पहले से ही बढ़ते लागत के दबाव में हैं।

 

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