Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Feb, 2025 03:01 PM
![you watch a lot of p orn that s why an arrest warrant is being sent](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_56_354931263gg-ll.jpg)
आजकल साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, और अब ठगों ने लोगों को धोखा देने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। साइबर ठग सीबीआइ (CBI) के नाम से फर्जी ईमेल और कॉल करके लोगों को डराते हैं और फिर उनसे बड़ी रकम हड़प लेते हैं। इस नई धोखाधड़ी में ठग लोगों...
नेशनल डेस्क: आजकल साइबर अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, और अब ठगों ने लोगों को धोखा देने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। साइबर ठग सीबीआइ (CBI) के नाम से फर्जी ईमेल और कॉल करके लोगों को डराते हैं और फिर उनसे बड़ी रकम हड़प लेते हैं। इस नई धोखाधड़ी में ठग लोगों को यह बताते हैं कि उनकी गूगल हिस्ट्री में पोर्न देखने का रिकॉर्ड है और अब उनकी गिरफ्तारी वारंट भेजी जा रही है। गिरफ्तारी से बचने के लिए पीड़ितों को ठगों द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह धोखाधड़ी इतनी चालाकी से की जाती है कि लोग आसानी से ठगों की चपेट में आ जाते हैं। आइए जानते हैं इस नई साइबर ठगी के बारे में और इसे कैसे बचा जा सकता है।
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क्या है ठगी का नया तरीका?
साइबर ठग अब सीबीआइ के नाम से फर्जी ईमेल भेजते हैं, जिसमें लिखा होता है कि आपकी गूगल हिस्ट्री से पता चला है कि आप पोर्न वेबसाइट्स पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। इसके बाद ठग गिरफ्तारी वारंट भेजने की धमकी देते हैं और कहते हैं कि आपको जेल भेजा जा सकता है। फिर, ठगों द्वारा भेजी गई फर्जी मेल में सरकारी ऑफिस का स्टांप भी होता है, जिससे मेल को असली दिखाया जाता है। इसके बाद, ठग पीड़ितों से बड़ी रकम की मांग करते हैं और अगर पीड़ित डर के मारे पैसे भेज देते हैं तो उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। इस धोखाधड़ी का तरीका इतना प्रभावी होता है कि लोग जल्दी से विश्वास कर लेते हैं और बिना सोचे-समझे पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। ठगों का यह तरीका इतना चालाक है कि लोग इसे असली समझ लेते हैं और समय पर उनका पैसा ठग लिया जाता है।
डेटा लीक और साइबर फ्रॉड का खतरा
अब सवाल उठता है कि ठगों को हमारी गूगल हिस्ट्री जैसी जानकारी कैसे मिल जाती है? दरअसल, अगर आपने अपनी आईडी किसी अन्य कंप्यूटर या मोबाइल पर खोली है या फिर किसी अन्य संदिग्ध वेबसाइट पर लॉगिन किया है, तो आपका डेटा लीक हो सकता है। इस डेटा के आधार पर ठग आपकी गतिविधियों की जानकारी हासिल कर लेते हैं और फिर आपको शिकार बनाने की कोशिश करते हैं। इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार बनने से बचने के लिए हमें सतर्क रहना जरूरी है।
किस तरह से करें बचाव?
साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। अगर आपको किसी संदिग्ध मेल या फोन कॉल का सामना करना पड़े तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और साइबर क्राइम की जानकारी दें। इसके अलावा, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। इस पोर्टल पर आपको फाइनेंशियल फ्रॉड, महिला-चाइल्ड से संबंधित अपराध और अन्य अपराधों के बारे में रिपोर्ट करने की सुविधा मिलती है। आपको स्थानीय साइबर क्राइम थाने में भी रिपोर्ट दर्ज करवानी चाहिए, ताकि ठगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। इससे पुलिस को ठगों को पकड़ने में मदद मिलती है और आप भी सुरक्षित रहते हैं।
केस स्टडी: ठगों का तरीका
अब कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं कि साइबर ठग किस तरह से काम करते हैं:
केस 1: एक व्यक्ति को सीबीआइ का ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें कहा गया कि उसकी गूगल हिस्ट्री में पोर्न देखने की जानकारी सामने आई है। ईमेल में एक पीडीएफ अटैच होता है, जिसमें गिरफ्तारी वारंट की बात कही जाती है। इसके साथ ही एक सरकारी स्टांप भी होता है। मेल में उसे दिल्ली के एक ऑफिस में हाजिर होने को कहा जाता है।
केस 2: एक दुकानदार को फोन आता है, और फोन करने वाला खुद को इंटेलिजेंस का इंस्पेक्टर बताता है। वह कहता है कि आपकी मोबाइल हिस्ट्री से पता चला है कि आप लगातार पोर्न देख रहे हैं और यह गैरकानूनी है। इसके बाद उसे दिल्ली की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया जाता है।
इन दोनों ही मामलों में ठगों ने पीड़ितों को डराकर उनसे पैसे निकाल लिए।
विशेषज्ञों की सलाह
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि साइबर ठगों के लिए अब यह एक नया ट्रेंड बन गया है। वे एक साथ कई फिशिंग मेल भेजते हैं, और इनमें से दो-तीन लोग उनकी चपेट में आ जाते हैं। ठगों का मुख्य लक्ष्य अक्सर बड़ी उम्र के लोग होते हैं, जिनके पास तकनीकी ज्ञान नहीं होता। ये ठग जब एक धोखाधड़ी के तरीके से बच जाते हैं तो वे कुछ समय बाद अपना तरीका बदल देते हैं, ताकि लोग सावधान न हो सकें।