पुरानी कार चलाने के लिए देना होगा ग्रीन टैक्स, पंजाब सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए उठाया नया कदम

Edited By Parminder Kaur,Updated: 18 Aug, 2024 12:21 PM

you will have to pay green tax for driving an old car

पंजाब सरकार ने पुराने वाहनों से प्रदूषण कम करने के लिए नया कदम उठाया है। केंद्र सरकार की 2021 की स्क्रैप पॉलिसी के बावजूद, जो वाहन 15 साल से पुराने हैं और ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, उन्हें अब ग्रीन टैक्स देना होगा। पिछले एक साल से इस बारे में विचार...

नेशनल डेस्क. पंजाब सरकार ने पुराने वाहनों से प्रदूषण कम करने के लिए नया कदम उठाया है। केंद्र सरकार की 2021 की स्क्रैप पॉलिसी के बावजूद, जो वाहन 15 साल से पुराने हैं और ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, उन्हें अब ग्रीन टैक्स देना होगा। पिछले एक साल से इस बारे में विचार हो रहा था। वाहन मालिकों ने इसका विरोध किया था, उनका कहना था कि यह नीति वाहन कंपनियों के फायदे के लिए बनाई गई है। चुनाव प्रचार के दौरान वाहन मालिकों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस नीति को लागू न करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि यह नीति पंजाब में लागू नहीं होगी। लेकिन अब सरकार ने एक नया समाधान निकाला है।

इस नए समाधान के तहत अगर कोई 15 साल पुराना वाहन चलाना चाहता है, तो उसे पहले वाहन की नई रजिस्ट्रेशन करवानी होगी और ग्रीन टैक्स भी देना होगा। इसके बाद वह वाहन पांच साल तक सड़क पर चल सकेगा। इसके अलावा सरकार ने टूरिस्ट वाहनों पर लगने वाला मोटर व्हीकल टैक्स भी घटा दिया है। पहले पर्यटक वाहनों से बहुत अधिक टैक्स वसूला जाता था। अब टैक्स घटाकर लग्जरी पर्यटक वाहनों के एकाधिकार को कम करने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का उद्देश्य है।

पहले 65 सीटों वाली टूरिस्ट बस के लिए प्रति सीट 7,000 रुपये टैक्स था। अब साधारण बस पर प्रति सीट 2,050 रुपये, डीलक्स नॉन-एसी बस पर 2,650 रुपये, एसी डीलक्स बस पर 4,150 रुपये और सुपर इंटीग्रल बस पर 5,000 रुपये टैक्स देना होगा। टैक्स अधिक होने की वजह से बस ऑपरेटर पंजाब में बसें रजिस्टर्ड नहीं करवा रहे थे। 2017 से 2022 तक के आंकड़ों की जांच से पता चला कि पंजाब में 206 पर्यटक बसें पंजीकृत थीं, जबकि हरियाणा में 5,220 बसें पंजीकृत थीं। हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पर्यटन वाले राज्यों में बसों की ज्यादा रजिस्ट्रेशन के बावजूद पंजाब में कम बसों की रजिस्ट्रेशन देखी गई।

ट्रांसपोर्ट विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के बाद लोगों के विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने पुराने वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया है। अब ग्रीन टैक्स लगाने का मकसद दो प्रमुख बातें हैं:

पुराने वाहनों को हटाना: ग्रीन टैक्स का पहला उद्देश्य है कि पुराने वाहनों को सड़कों से हटाया जाए ताकि प्रदूषण कम हो सके। जब लोगों को ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा, तो वे नए और कम प्रदूषण फैलाने वाले वाहन खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।

सरकारी आय बढ़ाना: यदि कोई व्यक्ति पुराना वाहन नहीं बदलना चाहता है, तो उसे ग्रीन टैक्स चुकाना होगा। इससे सरकार को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी, जो सरकार के आय स्रोत को बढ़ाएगी।

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