Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Apr, 2025 05:46 PM
देश के हजारों युवाओं की तरह पंजाब के मोहाली निवासी एक युवक भी विदेश जाकर अपनी किस्मत चमकाना चाहता था। उसका सपना था कि वह कनाडा की धरती पर कदम रखे और एक नई जिंदगी शुरू करे।
नेशनल डेस्क: देश के हजारों युवाओं की तरह पंजाब के मोहाली निवासी एक युवक भी विदेश जाकर अपनी किस्मत चमकाना चाहता था। उसका सपना था कि वह कनाडा की धरती पर कदम रखे और एक नई जिंदगी शुरू करे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसका चेहरा ही उसकी सबसे बड़ी पहचान बन गया और उसी चेहरे ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
इमिग्रेशन काउंटर पर खुला राज
ये घटना दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) की है। 9-10 अप्रैल की रात पंजाब के मोहाली निवासी कमलजीत सिंह नाम का एक युवक टर्मिनल-3 पर पहुंचा था। उसने चेक-इन की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और अब इमिग्रेशन की बारी थी। लेकिन जैसे ही वह इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचा, वहां तैनात अफसर को उसके चेहरे में कुछ गड़बड़ लगी। अफसर ने ध्यान से देखा और फिर पासपोर्ट पर नजर डाली। शक होने पर पासपोर्ट की फोटो से मिलान किया गया, तो साफ हो गया कि कुछ तो गड़बड़ है। इसके बाद युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। युवक ने कबूल किया कि उसका असली नाम मनप्रीत सिंह है और वह किसी और व्यक्ति कमलजीत सिंह के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश भागने की कोशिश कर रहा था। मनप्रीत मूल रूप से पंजाब के मोहाली का रहने वाला है। उसके इस खुलासे के बाद ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने मनप्रीत को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद IGI एयरपोर्ट पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पांच साल ऑस्ट्रेलिया में रह चुका है मनप्रीत
जांच में यह भी सामने आया कि मनप्रीत सिंह पहले भी विदेश में रह चुका है। वह साल 2007 से 2012 तक ऑस्ट्रेलिया में रहा था। भारत लौटने के बाद उसने दोबारा ऑस्ट्रेलिया और यूके के वीजा के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन हर बार उसका आवेदन खारिज हो गया। जब हर रास्ता बंद हो गया तो उसने कनाडा जाने की योजना बनाई। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक एजेंट रूपेंद्र से हुई।
32 लाख रुपये में तय हुआ था सौदा
मनप्रीत ने पुलिस को बताया कि उसने एक दोस्त के माध्यम से रूपेंद्र से संपर्क किया था। रूपेंद्र ने उसे 32 लाख रुपये लेकर फर्जी पासपोर्ट और वीजादिलवाने का वादा किया था। मनप्रीत ने रूपेंद्र की बातों में आकर यह रकम भी दे दी और फर्जी दस्तावेज बनवाकर एयरपोर्ट पहुंच गया। लेकिन वह नहीं जानता था कि इमिग्रेशन काउंटर पर एक नजर उसकी किस्मत का फैसला कर देगी।
अब होगी गहरी जांच, एजेंट की तलाश में पुलिस
फिलहाल आरोपी मनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस अब इस मामले में एजेंट रूपेंद्र की तलाश कर रही है। इस पूरे मामले से एक बार फिर सामने आया है कि कैसे फर्जी दस्तावेज और एजेंट के झांसे में आकर युवा अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।