Edited By Mahima,Updated: 24 Jul, 2024 02:17 PM
![youtuber dhruv rathi gets a shock regarding bjp leader s defamation case](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_7image_14_16_459500454dhruv-ll.jpg)
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी मुंबई इकाई के प्रवक्ता सुरेश करमशी नखुआ द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर यूट्यूबर ध्रुव राठी और अन्य को समन जारी किया है। नखुआ पर यूट्यूबर ध्रुव राठी को कथित तौर पर हिंसक और अपमानजनक ट्रोल कहने का आरोप है।
नेशनल डेस्क: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी मुंबई इकाई के प्रवक्ता सुरेश करमशी नखुआ द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर यूट्यूबर ध्रुव राठी और अन्य को समन जारी किया है। नखुआ पर यूट्यूबर ध्रुव राठी को कथित तौर पर हिंसक और अपमानजनक ट्रोल कहने का आरोप है।
जिला न्यायाधीश गुंजन गुप्ता ने 19 जुलाई, 2024 को पारित एक आदेश में ध्रुव राठी और सोशल मीडिया मध्यस्थों को 06.08.2024 के लिए सीपीसी की धारा 39 नियम 1 और 2 के तहत मुकदमे का समन और आवेदन का नोटिस जारी किया। इस मामले में वादी की ओर से अधिवक्ता राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा उपस्थित हुए। मुकदमे के अनुसार 07.07.2024 को ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल से "माई रिप्लाई टू गॉडी यूट्यूबर्स | एल्विश यादव | ध्रुव राठी" शीर्षक से एक वीडियो अपलोड किया। उपरोक्त मामला दर्ज होने की तिथि तक, उक्त वीडियो को 2,41,85,609 बार देखा गया और 2.3 मिलियन से अधिक लाइक मिले, जो हर मिनट बढ़ रहा है।
वादी सुरेश करमशी नखुआ ने कहा कि ध्रुव राठी ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक आवास पर अंकित जैन, सुरेश नखुआ और तजिंदर बग्गा जैसे हिंसक और अपमानजनक ट्रोल की मेजबानी की थी। विवादित वीडियो को 24 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया है और 2.3 मिलियन से ज़्यादा लाइक मिले हैं, यह संख्या हर गुज़रते पल के साथ बढ़ती जा रही है। वाद में आगे कहा गया कि चूंकि उक्त वीडियो में वादी पर बिना किसी कारण के हिंसक प्रवृत्ति दर्शाई गई है, जबकि प्रधानमंत्री वादी के अनुयायियों में से एक हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि उक्त वीडियो में वादी को आम लोगों की नजरों में नीचा दिखाने की प्रवृत्ति है।
वादी ने यह भी कहा कि ध्रुव ने एक अत्यधिक उत्तेजक और भड़काऊ वीडियो में, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जंगल की आग की तरह फैल गया, वादी के खिलाफ साहसिक और निराधार दावे किए। इस वीडियो के पीछे का घातक इरादा इसके निराधार आरोप में निहित है कि वादी किसी तरह हिंसक और अपमानजनक ट्रोल गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। ध्रुव राठी द्वारा वीडियो में दिए गए अपमानजनक बयानों के परिणामस्वरूप वादी की प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचा है। मुकदमे में कहा गया है कि ध्रुव राठी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों के कारण वादी की व्यापक निंदा और उपहास हुआ है, जिससे उसके निजी और पेशेवर जीवन को अपूरणीय क्षति हुई है।