Edited By Mahima,Updated: 08 Jan, 2025 04:24 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे, जो गगनगीर और सोनमर्ग को जोड़ती है। यह सुरंग पर्यटन, कनेक्टिविटी और सामरिक महत्व के दृष्टिकोण से अहम है, जिससे यात्रा समय में कमी आएगी, सेना को...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करेंगे, जो एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है। इस सुरंग का उद्घाटन श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क मार्ग पर किया जाएगा, और इससे जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी में न केवल सुधार होगा, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी इसके महत्व में इजाफा होगा। जेड-मोड़ सुरंग, जोज़िला सुरंग परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लद्दाख क्षेत्र को हर मौसम में सड़क मार्ग से जोड़ना है।
गनगीर से सोनमर्ग तक जाती, 6.5 किलोमीटर लंबी दो-लेन सड़क सुरंग
जेड-मोड़ सुरंग 6.5 किलोमीटर लंबी दो-लेन सड़क सुरंग है, जो गगनगीर से सोनमर्ग तक जाती है। इस सुरंग का नाम सड़क के ज़ेड आकार के मोड़ पर रखा गया है, जिसे अब सुरंग ने बाईपास कर दिया है। पहले गगनगीर से सोनमर्ग तक की यात्रा में कई घंटों का समय लगता था और यह मार्ग अक्सर बर्फबारी, हिमस्खलन और खराब मौसम के कारण बंद हो जाता था। लेकिन अब, जेड-मोड़ सुरंग के माध्यम से यह यात्रा केवल 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी, जिससे यात्रा की गति में काफी वृद्धि होगी और समय की बचत होगी। इस सुरंग का निर्माण जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में किया गया है, जो श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित है और भू-रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस सुरंग के उद्घाटन के बाद, यह सोनमर्ग क्षेत्र की कनेक्टिविटी को स्थिर और मजबूत करेगा, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को बड़ा लाभ मिलेगा।
कनेक्टिविटी से पर्यटन और स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
सोनमर्ग, जो कश्मीर के प्रमुख हिल स्टेशनों में से एक है, अब साल भर पर्यटकों के लिए सुलभ हो जाएगा। पहले, बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण सोनमर्ग तक पहुंचने में महीनों तक रुकावटें आती थीं। जेड-मोड़ सुरंग के खुलने से, अब पर्यटकों को बिना किसी मौसम संबंधी रुकावट के सोनमर्ग और आसपास के क्षेत्रों का दौरा करने का मौका मिलेगा। इससे पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सुरंग से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सुरंग के निर्माण और उसके बाद के रखरखाव के दौरान, स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार की नौकरियां मिलेंगी, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। इसके अलावा, सुरंग से जुड़ी अन्य गतिविधियों जैसे होटल, ट्रांसपोर्ट, और पर्यटन संबंधित सेवाओं में भी वृद्धि होगी।
लद्दाख और सीमा सुरक्षा को मिलेगा लाभ
इस सुरंग का महत्व केवल पर्यटन और स्थानीय कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह सुरंग जोज़िला सुरंग परियोजना के तहत बनाई गई है, जो लद्दाख क्षेत्र को सर्दियों के दौरान भी सड़क से जोड़ने का उद्देश्य रखती है। लद्दाख, जो सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण, मौसम के कारण कठिनाइयों का सामना करता है, अब जेड-मोड़ सुरंग के कारण पूरे साल सड़क मार्ग से जुड़ा रहेगा। यह सुरंग भारतीय सेना के लिए भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्ग साबित होगी। कश्मीर और लद्दाख की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए यह सुरंग संचार और आपूर्ति के मामले में एक मजबूत कड़ी बनेगी। सेना के लिए यह सुरंग एक सुरक्षित और तेज़ मार्ग प्रदान करेगी, जिससे सैनिकों को तैनाती और अन्य सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी होगी, खासकर सर्दी और बर्फबारी के मौसम में।
निर्माण के दौरान आई कई चुनौतियाँ
जेड-मोड़ सुरंग का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य के दौरान कई बड़ी चुनौतियाँ आईं। 20 अक्टूबर 2024 को इस परियोजना पर काम कर रहे श्रमिकों पर एक आतंकी हमले में छह गैर-स्थानीय श्रमिकों समेत सात नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले में एक स्थानीय डॉक्टर भी शहीद हुआ था। इसके बावजूद, सुरंग का निर्माण कार्य रुकने के बजाय तेज़ी से चलता रहा और अब यह उद्घाटन के लिए तैयार है। सुरंग के निर्माण में न केवल सुरक्षा चिंताएँ थीं, बल्कि भूगर्भीय और भौतिक समस्याएँ भी सामने आईं। बावजूद इसके, निर्माण कार्य में लगे इंजीनियरों और श्रमिकों ने कठोर परिस्थितियों में काम करके इस परियोजना को पूरा किया। आज, जेड-मोड़ सुरंग भारतीय इंजीनियरिंग के एक अद्भुत उदाहरण के रूप में खड़ी है और इस परियोजना की सफलता को भारतीय निर्माण क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर माना जा सकता है।
जेड-मोड़ सुरंग के लाभ
1. यात्रा में समय की बचत: पहले पहाड़ी क्षेत्र की सर्पिल और कठिन सड़क पर घंटों यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन अब 6.5 किलोमीटर की सुरंग पार करने में केवल 15 मिनट लगेंगे।
2. स्थिर कनेक्टिविटी: बर्फबारी, हिमस्खलन, और अन्य मौसम संबंधित समस्याओं के बावजूद, अब पूरे साल सोनमर्ग और उसके आस-पास के क्षेत्रों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा।
3. सामरिक महत्व: सुरंग के उद्घाटन से सेना को त्वरित आपूर्ति और तैनाती में सहायता मिलेगी, और यह लद्दाख क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती को भी सरल बनाएगा।
4. पर्यटन और रोजगार में वृद्धि: सुरंग से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।
5. आतंकी हमले के बावजूद प्रगति: सुरंग का निर्माण सुरक्षा खतरों के बावजूद पूरी तरह से पूरा हुआ, और अब यह एक समृद्ध और सुरक्षित कनेक्टिविटी का प्रतीक बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह न केवल एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का हिस्सा है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी, सुरक्षा, और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। सुरंग से जुड़ी सामरिक, पर्यटन, और आर्थिक संभावनाएं इसके महत्व को और बढ़ाती हैं, और यह सुनिश्चित करती हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आने वाले समय में एक नई दिशा में बढ़ेंगे।