Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 Feb, 2025 03:50 PM
अहमदाबाद में गुजरात दंगे की शिकार जकिया जाफरी का निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं और अपने परिवार के पास शनिवार सुबह आखिरी समय तक थीं। जकिया जाफरी, पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी थीं, जिनकी हत्या 2002 में गुजरात दंगों के दौरान हुई थी।
नेशनल डेस्क: अहमदाबाद में गुजरात दंगे की शिकार जकिया जाफरी का निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं और अपने परिवार के पास शनिवार सुबह आखिरी समय तक थीं। जकिया जाफरी, पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी थीं, जिनकी हत्या 2002 में गुजरात दंगों के दौरान हुई थी।जकिया जाफरी उन नागरिकों में शामिल थीं जिन्होंने 2002 के गुजरात दंगों के खिलाफ कड़ी कानूनी लड़ाई लड़ी। इन दंगों में उनके पति एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी। यह हिंसा गोधरा में हुई ट्रेन आगजनी की घटना के बाद भड़की थी, जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था जकिया का संघर्ष
जकिया जाफरी ने अपनी पूरी जिंदगी इस संघर्ष में बिताई कि दंगों में हुई हिंसा की साजिश को उजागर किया जा सके। उन्होंने राज्य और देश के कई राजनीतिक नेताओं को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने का प्रयास किया। वह अपनी आवाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गईं।जकिया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी ने बताया कि उनकी मां अपने परिवार के पास सुबह के वक्त सामान्य बातचीत कर रही थीं, तभी अचानक उन्हें बेचैनी महसूस हुई। डॉक्टर को बुलाया गया, जिन्होंने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तीस्ता सीतलवाड़ ने किया ट्वीट
सुप्रीम कोर्ट में जकिया जाफरी की याचिका में सह-शिकायतकर्ता रही मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने भी जकिया जाफरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया, "जकिया आपा का निधन हमारे लिए एक गहरी क्षति है। उनकी दूरदर्शिता को हम हमेशा याद करेंगे। हम उनके परिवार के साथ हैं। शांति से विश्राम करें जकिया आपा!"
जकिया जाफरी की यादें हमेशा रहेंगी
जकिया जाफरी का संघर्ष आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। उन्होंने समाज में इंसाफ के लिए अपनी आवाज उठाई, और अपने पति की हत्या का बदला नहीं लिया, बल्कि इंसाफ की लड़ाई लड़ी। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो समाज में बदलाव लाने के लिए निडरता से खड़ा रहा। उनका निधन एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनका संघर्ष हमेशा याद रखा जाएगा।