भारतीय सेना और पुनीत बालन के जरिए कश्मीर घाटी में पहली लेजर, लाइट और साउंड शो संपन्न

Edited By Ajay kumar,Updated: 24 Jun, 2024 05:17 PM

first laser show completed in kashmir valley by indian army and punit balan

भारतीय सेना के चिनार कोर, डागर डिवीज़न, और पीर पंजाल ब्रिगेड द्वारा पुनीत बालन ग्रुप के सहयोग से बोनियार में एक मनमोहक लेजर, लाइट और साउंड शो की शुरुआत की गई है।

पुणे : भारतीय सेना के चिनार कोर, डागर डिवीज़न, और पीर पंजाल ब्रिगेड द्वारा पुनीत बालन ग्रुप के सहयोग से बोनियार में एक मनमोहक लेजर, लाइट और साउंड शो की शुरुआत की गई है। इस शो का उद्देश्य कश्मीर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाना एवं भारतीय सेना की वीरता को प्रदर्शित करना है।  

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 21 जून को बोनियार में शो का उद्घाटन जीओसी चिनार कोर, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (एवीएसएम, एसएम*** और जीओसी डागर डिवीज़न), मेजर जनरल राजेश सेठी (एसएम, वीएसएम) और पुनीत बालन (सीएमडी, पुनीत बालन ग्रुप) की उपस्थिति में किया। 

शो का उद्घाटन ‘डागर हेरिटेज कॉम्प्लेक्स’ के हिस्से के रूप में किया गया है। इस आकर्षक शो की संकल्पना पर काफी शोध किया गया है।

यह अपनी तरह का पहला और अनूठा  लेजर, लाइट और साउंड शो है जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए किसी उपहार से कम नहीं है। यह शो दर्शकों को कश्मीर घाटी के सदियों पुराने इतिहास से लेकर आज के ‘प्रगतिशील कश्मीर’ की यात्रा पर ले जाता है। इस इतिहास का वाचन प्राचीन बोनियार मंदिर के माध्यम से किया गया है। बोनियार मंदिर का निर्माण कश्मीर के प्राचीन अवंतिवर्मन शासकों ने 12वीं शताब्दी ई. में करवाया था। इस इतिहास को प्रसिद्ध रेडियो कश्मीर प्रसारक तल्हा जहांगीर की मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ से सुनाया गया है। 

अट्ठाईस मिनट के इस शो में धरती पर स्वर्ग कही जाने वाली कश्मीर घाटी के भूवैज्ञानिक और रहस्यमय विकास को प्रदर्शित किया गया है। 
कश्मीर घाटी विशाल हिमालय की विभिन्न श्रेणियों के बीच बसी है और झेलम नदी से बहती है। इतिहास के दौरान इसने विभिन्न जातियों के लोगों को आकर्षित किया है, जिनमें से कई लोगों ने इसकी वर्तमान छवि पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। शो में दर्शकों को कश्मीर पर शासन करने वाले और सदियों तक इसकी सांस्कृतिक और धार्मिक विकास में भूमिका निभाने वाले विभिन्न राजवंशों के बारे में अवगत कराया जाता है।

साथ ही, यह शो भारतीय सेना की वीरता और बलिदान को भी दर्शाता है जिसने कश्मीर में अशांति फैलाने वाले भारत के विरोधी देशों के बुरे इरादों को हमेशा नाकाम करने में अहम् भूमिका निभाई है। 

अंत में शो एक आशावादी नोट पर समाप्त होता है, जिसमें कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बरकरार रखने और शांति व सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखने के साथ साथ  विकास की और आगे बढ़ने की आशा व्यक्त की गई है।

शो की लोकप्रियता से उम्मीद है कि भविष्य में पर्यटकों और स्थानीय आगंतुकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। बारामुल्ला-उरी राजमार्ग के चौड़ीकरण और उरी तक रेलवे लाइन के निर्माण से बोनियार तक बेहतर पहुंच की सुविधा मिलेगी। इससे बोनियार एक पसंदीदा गंतव्य में तब्दील होने में मदद मिलेगी और या शहर केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित हो जाएगा।


ऐसे साकार हुआ है लेजर, लाइट और साउंड शो

पुनित बालन ग्रुप के सहयोग से लेजर, लाइट और साउंड शो संभव हुआ है. इस शो का कांसेप्ट और डिजाइन पीर पंजाल ब्रिगेड ने तैयार किया है. बेंगलुरु के क्रिएटिव लेजर सिस्टम ने शो के रुप में इसे आकार दिया है.  इस आकर्षक और मंत्रमुग्ध शो के जरिए आगामी समय में स्थानीय आबादी और पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी. बारामुला-उरी हाईवे के चौड़ीकरण और उरी तक रेल्वे लाइन बनाने से बोनियार तक अधिक अच्छी स्थिति में पर्यटकों के लिए प्रवेश करना संभव होगा.

कोट 

कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है.  पृथ्वी के इस स्वर्ग भुमि का सांस्कृतिक, धार्मिक परंपरा का बड़ा इतिहास है. केवल भारतीयों को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को इसका पता चले और वे कश्मीर घाटी के इस इतिहास का दर्शन कर सके, इसलिए भारतीय सेना की मदद से यह लेजर, लाइट, साउंड तैयार किया गया है.  इसके जरिए कश्मीर घाटी का इतिहास सही अर्थों में दुनिया के सामने आएगा इसका विश्वास है.   ---पुनीत बालन, अध्यक्ष, पुनीत बालन ग्रुप

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