Edited By ,Updated: 10 Mar, 2015 01:48 PM
अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई मामले में नया मोड़ आ गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज अपने एक बयान में कहा है कि वह मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की सफाई से संतुष्ट नहीं हैं।
नई दिल्ली: अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई मामले में नया मोड़ आ गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज अपने एक बयान में कहा है कि वह मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार, जिसमें भाजपा की हिस्सेदारी है, वह हमारे लिए प्राथमिकता नहीं, बल्कि उन्हें देश सर्वोपरि है।
दरअसल, बीजेपी ने मसरत की रिहाई का जबरदस्त विरोध किया है और राज्य सरकार से उसे दोबारा पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि मसरत को रिहा करने का फैसला बीजेपी से सलाह किए बिना लिया गया है।
बता दें कि अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई ने संसद के साथ सियासत में भी भूचाल ला दिया है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि हुर्रियत 500 और बंदियों की रिहाई चाहती है। इन नेताओं की सूची में अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के पति डॉ. आशिक हुसैन फकतू, शीर्ष अलगाववादी विचारक डॉ. मुहम्मद शफी खान और पुलिस कांस्टेबल से आतंकवादी व फिर अलगाववादी बने गुलाम कादिर भट्ट जैसे अलगाववादी नेता शामिल है।