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पाकिस्तान की एक नहीं चली! सिंधु जल संधि पर वर्ल्ड बैंक ने भी झाड़ा पल्ला, PAK की हुई बेइज्जती

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 28 Apr, 2025 06:56 PM

world bank s statement on indus treaty

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया। भारत के इस फैसले से बौखलाया पाकिस्तान दौड़ता हुआ वर्ल्ड बैंक पहुंचा, लेकिन वहां से भी उसे करारा झटका लगा।

इंटरनेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया। भारत के इस फैसले से बौखलाया पाकिस्तान दौड़ता हुआ वर्ल्ड बैंक पहुंचा, लेकिन वहां से भी उसे करारा झटका लगा। वर्ल्ड बैंक ने साफ कर दिया कि वह सिंधु जल संधि पर सदस्य देशों के फैसलों में कोई दखल नहीं देगा। पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया और उसकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी जबरदस्त बेइज्जती हो गई। अब भारत न तो पाकिस्तान को जल डाटा देगा, न प्रोजेक्ट्स की जानकारी साझा करेगा और न ही बाढ़ जैसी आपदाओं की कोई सूचना। सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।

वर्ल्ड बैंक ने दिखाई पाकिस्तान को उसकी औकात

पाकिस्तान ने इस मामले को वर्ल्ड बैंक तक ले जाने की कोशिश की लेकिन वहां से भी उसे कोई राहत नहीं मिली। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वर्ल्ड बैंक के प्रवक्ता ने साफ कहा कि वे सिंधु जल संधि के केवल सीमित और तकनीकी मामलों में सिग्नेचरी हैं। सदस्य देशों के बीच संधि से जुड़े किसी भी संप्रभु निर्णय में वर्ल्ड बैंक का कोई हस्तक्षेप नहीं है। इस बयान के बाद पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलती बंद हो गई।

अब भारत पर नहीं रहेगा कोई बंधन

संधि के निलंबन के बाद भारत पर अब पाकिस्तान को जल संबंधी किसी भी जानकारी साझा करने की बाध्यता नहीं रहेगी। केंद्रीय जल आयोग के पूर्व प्रमुख कुशविंदर वोहरा के अनुसार अब भारत को न तो डाटा शेयर करना पड़ेगा और न ही प्रोजेक्ट्स की जानकारी देनी होगी। पहले हर साल भारत को मानसून के दौरान सिंधु नदी प्रणाली में आने वाली बाढ़ की सूचना पाकिस्तान को देनी होती थी लेकिन अब इसकी कोई जरूरत नहीं रह गई है।

कौन-कौन सी नदियां आती हैं संधि के दायरे में

सिंधु जल संधि के तहत छह नदियां शामिल हैं। रावी, ब्यास और सतलुज का पूरा पानी भारत के अधिकार में है जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब का ज्यादातर पानी पाकिस्तान के हिस्से में आता है। इस समझौते के चलते भारत को कई बार विकास परियोजनाओं में पाकिस्तान की आपत्तियों का सामना करना पड़ा था। अब संधि के निलंबन से भारत अपने जल संसाधनों का अधिक स्वतंत्रता से उपयोग कर सकेगा।

पाकिस्तान को होगा बड़ा नुकसान

विशेषज्ञों का मानना है कि संधि के निलंबन के चलते पाकिस्तान को कई बड़े नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। सबसे बड़ा झटका यह होगा कि पाकिस्तान अब भारत से बाढ़ की स्थिति की एडवांस जानकारी नहीं ले सकेगा जिससे उसकी आपदा प्रबंधन प्रणाली पर गंभीर असर पड़ेगा। इसके अलावा नए जल प्रोजेक्ट्स पर भारत अब बिना पाकिस्तान को बताए काम कर सकेगा। इससे पाकिस्तान के लिए पानी का संकट गहरा सकता है।

भारत ने पहले भी जताई थी असहमति

भारत पहले भी सिंधु जल संधि पर असहमति जता चुका है। बार-बार हो रहे आतंकी हमलों के बावजूद भारत ने अब तक संयम बरता था लेकिन पहलगाम हमले ने स्थिति को बदल दिया। अब भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और सहयोग एक साथ नहीं चल सकते। 
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ माहौल बनाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वर्ल्ड बैंक के ताजा बयान ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब पाकिस्तान के पास सिवाय रोने के और कोई विकल्प नहीं बचा है।

 

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