mahakumb

Ajmer Sex Scandal में 32 साल बाद इंसाफ, ब्लैकमेल कर 100 से ज्यादा लड़कियों संग गैंगरेप; 6 आरोपियों को मिली उम्रकैद की सजा

Edited By Pardeep,Updated: 21 Aug, 2024 06:04 AM

justice after 32 years in ajmer scandal

अजमेर की एक विशेष अदालत ने 1992 के बहुचर्चित ब्लैकमेल व ब्लात्कार कांड मामले में छह शेष आरोपियों को दोषी मानते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस बहुचर्चित कांड में अजमेर शहर की 100 से अधिक लड़कियों का यौन शोषण किया गया था।

जयपुरः अजमेर की एक विशेष अदालत ने 1992 के बहुचर्चित ब्लैकमेल व ब्लात्कार कांड मामले में छह शेष आरोपियों को दोषी मानते हुए मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस बहुचर्चित कांड में अजमेर शहर की 100 से अधिक लड़कियों का यौन शोषण किया गया था। अभियोजन पक्ष के वकील वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट में हो रही थी। न्यायाधीश रंजन सिंह ने छह आरोपियों को अपराध में शामिल होने का दोषी ठहराया और फैसला सुनाया। 

उन्होंने कहा कि अदालत ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद ज़मीर हुसैन सहित प्रत्येक आरोपी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। एक आरोपी इकबाल भाटी को अदालत में पेश होने के लिए एम्बुलेंस में दिल्ली से अजमेर लाया गया था। उल्लेखनीय है कि 1992 के इस बहुचर्चित प्रकरण में लड़कियों की अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया था। पुलिस के अनुसार इन तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर 100 से अधिक लड़कियों का यौन शोषण किया गया। 

मामले में अजमेर के एक मशहूर निजी स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को फार्म हाउस में बुलाया जाता था जहां उनके साथ दुष्कर्म किया जाता। पीड़ित लड़कियों की उम्र 11 से 20 साल के बीच थी। इस मामले में कुल 18 लोग आरोपी थे। इनमें से छह आरोपियों पर अलग से मुकदमा चल रहा है, जबकि बाकी आरोपी या तो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं या फिर अदालत से बरी हो चुके हैं। इनमें से कुछ पर अलग से भी मामले चल रहे हैं। 

क्या है अजमेर ब्लैकमेल कांड?
1992 में अजमेर के मशहूर कॉलेज की 100 से ज़्यादा छात्राओं के साथ गैंगरेप करने और उनकी तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। उस समय इस मामले को अजमेर ब्लैकमेल कांड कहा गया था। मुख्य आरोपी फारूक और नफीस चिश्ती थे- जो प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े एक बड़े परिवार से थे। फारूक और नफीस यूथ कांग्रेस के नेता थे और दोनों व्यक्तियों को शक्तिशाली लोगों का समर्थन प्राप्त था।

फॉर्म हाउस पर करते थे बलात्कार
उनका पहला शिकार कक्षा 12 की छात्रा थी। इसके बाद, इन लोगों ने पीड़िता को अन्य लड़कियों से मिलवाने के लिए मजबूर किया। जिनके साथ फॉर्म हाउस पर सामूहिक बलात्कार किया जाता था और उनकी अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। इन लोगों ने दर्जनों युवा लड़कियों के साथ 1990-92 के बीच सामूहिक बलात्कार किया। एक स्थानीय अखबार ने तब कुछ तस्वीरों के साथ ये खबर छापकर सनसनी फैला दी थी।

अजमेर में हुआ था जोरदार हंगामा
इस मामले के 1992 में सामने आने के बाद अजमेर में हंगामा मच गया था। जिसमें अधिकांश आरोपी अलग समुदाय से थे और कई पीड़ित अलग समुदाय से थीं। इनमें कई पीड़िताएं ऐसी भी थीं जिनके मां-बाप अधिकारी थे। शहर में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुआ था और पूरा मामला सांप्रदायिक मुद्दे में तब्दील होने का खतरा पैदा हो गया। आरोपियों में कुछ ऐसे परिवारों से भी थे जिनका दरगाह से संबंध था। 

1998 में आठ को सुनाई गई थी सजा
फारूक समेत आठ आरोपियों को 1998 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चार अन्य दोषियों की सजा घटाकर 10 साल कर दी। नफीस को 2012 में गिरफ्तार किया गया था। एक आरोपी अलमास फरार है और माना जा रहा है कि वह अमेरिका में है। 32 साल पहले हुए सेक्स स्कैंडल में कुल 18 आरोपी थे। 9 को सजा हो चुकी है, एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी और एक आरोपी अन्य केस में जेल में बंद है। कोर्ट ने एक आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। बाकी को आज सुनाई गई है।

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!