Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Jun, 2020 11:24 PM
नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्व दिल्ली में हिंसा के दौरान गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की ‘‘हत्या’ के सिलसिले बुधवार को यहां एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया और कहा कि इस दंगे और उनकी हत्या के पीछे एक...
नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्व दिल्ली में हिंसा के दौरान गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की ‘‘हत्या’ के सिलसिले बुधवार को यहां एक अदालत में आरोपपत्र दायर किया और कहा कि इस दंगे और उनकी हत्या के पीछे एक गहरी साजिश थी क्योंकि उन्हें निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन के नेतृत्व वाली भीड़ ने ‘‘विशेष रूप से निशाना’’ बनाया।
आरोप पत्र के अनुसार अंत्यपरीक्षण से खुलासा हुआ है कि उनके शरीर पर 51 बार धारदार हथियार से वार करने के जख्म हैं, ऐसे में जिस तरह सुनियोजित तरीके से उनकी हत्या की गयी उससे सामाजिक ताना-बाना हिल गया और इलाके के लोगों के मन में डर बैठ गया।
पचास पन्ने के आरोपपत्र में शर्मा की हत्या के सिलसिले में हुसैन का नाम एक मुख्य आरोपी के रूप में है जबकि अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम, सलमान, नाजिम, कासिम, समीर खान अन्य आरोपी हैं। दो आरोपी--सबीर और मूसा फिलहाल फरार हैं।
सभी आरोपी जेल में हैं और उनपर शर्मा की करीब 20-25 दंगाइयों द्वारा हत्या करने को लेकर विभिन्न अपराधों में आरोप लगाया गया है। सभी दंगाई पत्थर, छड़, लाठी, चाकू आदि से लैस थे।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपपत्र मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रिचा परिहार के समक्ष दाखिल किया जिन्होंने मामले पर सुनवायी 16 जून को करना तय किया।
पुलिस ने कहा कि शर्मा की हत्या के बाद भीड़ ने उनका शव पास के नाले में फेंक दिया था और उनका शव अगले दिन निकाला गया था।
आरोपपत्र में कहा गया है, ‘‘पास की एक छत पर खड़े एक गवाह ने अपने मोबाइल फोन से एक वीडियो बनायी थी जिसमें कुछ लोग शव को नाले में डालते दिख रहे हैं। पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सकों ने अंकित के शरीर पर 51 जख्म के निशान पाये थे।’’
आरोपपत्र भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया है जिसमें 302, 365, 147 और 148, 153-ए, 120-बी और 201 शामिल है। हत्या के अपराध में न्यूनतम सजा उम्रकैद और अधिकतम मृत्युदंड है।
इस मामले में ताहिर हुसैन सहित 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।
आरोप पत्र ने कहा गया है, “जांच से पता चला कि दंगे और अंकित शर्मा के हत्या के पीछे गहरी साजिश थी, जो इलाके में एक जाना-पहचाना चेहरा थे। उन्हें आम आदमी पार्टी के एक नेता एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम, के पार्षद ताहिर हुसैन के नेतृत्व वाली भीड़ द्वारा विशेष रूप से निशाना बनाया गया।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘जांच में यह पाया गया कि ताहिर हुसैन ही वह मुख्य व्यक्ति था जिसने 24 फरवरी और 25 फरवरी दोनों ही दिन चांद बाग क्षेत्र में भीड़ को भड़काया।’’
इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान, ‘‘अंकित शर्मा पर वार करने के लिए इस्तेमाल खून से सना चाकू और (अंकित के) खून से सने हत्यारे के कपड़े बरामद किये गए। अपराध में इस्तेमाल अन्य चाकू भी बरामद किया गया। साथ ही अन्य मामले में ताहिर हुसैन की लाइसेंसी पिस्तौल भी जब्त की गई।”
उसके खिलाफ 24 फरवरी के एक अन्य दंगा मामले में आरोपपत्र अपराध शाखा द्वारा मंगलवार को दायर किया गया था।
पुलिस ने कहा, ‘‘आरोपी हसीन उर्फ सलमान ने अंकित की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वही वह व्यक्ति था जिसने उन पर चाकू से हमला किया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसने चार वर्षीय मुस्लिम लड़के की एक हिंदू द्वारा हत्या के बारे में सुना था, वह गुस्से में आ गया और एक चाकू लिया और अपने सहयोगियों समीर, कासिम, सबीर और अन्य के साथ 25 फरवरी को चांद बाग पुलिया आया।’’
आरोपपत्र में आगे कहा गया है कि ‘‘सलमान ने साथ ही यह भी खुलासा किया कि उसने उस चाकू से अंकित शर्मा पर कई बार वार किया जो वह लिये हुए था। उसके सहयोगियों ने भी उन पर चाकू और छड़ों से वार किया और उनकी हत्या करने के बाद उनका शव नाले में फेंक दिया।’’
पुलिस ने हुसैन समेत आरोपियों के खिलाफ अपनी जांच को सही साबित करने के लिए आरोपपत्र में 81 गवाहों के नाम दिये हैं।
आरोपपत्र में कहा गया है कि पुलिस हिरासत के दौरान अपराध में इस्तेमाल हथियार यानी खून से सना चाकू और खून से सने कपड़े जो आरोपी ने घटना के समय पहने थे वे उसके द्वारा मुहैया करायी गई जानकारी के आधार पर उसके घर से बरामद किये गए।’’
इसमें कहा गया है कि बरामद चाकू और आरोपी के कपड़े मृतक के खून से मिलाने के लिए एफएसएल, रोहिणी भेज दिये गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है।
इसमें कहा गया है, ‘‘आरोपी ताहिर हुसैन 24 और 25 फरवरी को अपने घर से और चांद बाग पुलिया के पास मस्जिद से भी भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और इसे सांप्रदायिक रंग दिया।’’
इसमें कहा गया, ‘‘उसने मुसलमानों को हिंदुओं के खिलाफ यह कहते हुए उकसाया कि हिंदू लोगों ने कई मुस्लिमों को मार डाला है और शेरपुर चौक पर उनकी दुकानों में आग लगा दी है और किसी भी हिंदू को छोड़ा नहीं जाएगा। उसके उकसाने / उकसावे पर मुसलमान 24 और 25 फरवरी को हिंसक हो गए और उन्होंने दुकानों को जलाना शुरू कर दिया और हिंदुओं पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके तथा उनके घरों को भी निशाना बनाया।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘अनियंत्रित भीड़ दंगाइयों में बदल गई और दंगों के दौरान अंकित शर्मा को पकड़ लिया और उन्हें चांद बाग पुलिया तक खींच लायी और उन पर धारदार हथियार से वार किया जिससे उनकी मौत हो गई। बाद में उनका शव नाले में फेंक दिया।’’
इसमें कहा गया कि जांच के दौरान सामने आये वीडियो फुटेज में लाल रंग की शर्ट पहने एक व्यक्ति दो अन्य व्यक्तियों के साथ दिखाई दिया और वे अंकित शर्मा के शव को चांद बाग पुलिया के पास नाले में फेंक रहे थे।
इसमें कहा गया, ‘‘हालांकि अंकित शर्मा के शव को नाले में फेंकते व्यक्तियों का चेहरा फुटेज में स्पष्ट नहीं है जिसे नीरज कसाना नाम के व्यक्ति ने चांद बाग पुलिया से करीब 300 मीटर की दूरी से बनाया था।’’
इसमें कहा गया, ‘‘यहां यह उल्लेखित करना जरूरी है कि लाल रंग की एक शर्ट आरोपी हसीन के ओर से मुहैया करायी गई जानकारी के आधार पर उसके पास से मिली जो उसके घटना के समय पहनी थी। साथ ही आरोपी हसीन ने बताया है कि उसने और उसके सहयोगियों ने अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनका शव नाले में फेंक दिया था।’’
अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ये सभी परिस्थितियां यह दिखाती हैं कि आरोपी हसीन उर्फ सलमान ही वह व्यक्ति है जो उस वीडियो फुटेज में दिख रहा है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘ताहिर हुसैन ने 24-25 फरवरी की दरमियानी रात में अपने परिवार को निकालकर मुस्तफाबाद स्थित अपने अभिभावकों के घर पहुंचा दिया था लेकिन खुद वहीं रहा ताकि वह पूरी स्थिति पर नजर रख सके और अगले दिन हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों के साथ खड़ा रह सके।’’
पुलिस ने कहा कि ताहिर हुसैन की कॉल लोकेशन से उसके गलत इरादे का पता चलता है जो जामा मस्जिद, मुंगा नगर, दिल्ली के पास पायी गई जो वह स्थान था जहां अंकित शर्मा की 25 फरवरी को शाम करीब साढ़े पांच बजे दंगाइयों द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उसके गलत इरादों का अंत एक हिंदू लड़के की हत्या और आगजनी एवं लूट के अन्य मामलों के साथ हुआ।
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