Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Dec, 2020 04:50 PM

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), वाराणसी स्थित आईआईटी में कम और लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष अकादमिक केंद्र की स्थापना करेगा।
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), वाराणसी स्थित आईआईटी में कम और लंबी अवधि की परियोजनाओं के लिए एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष अकादमिक केंद्र की स्थापना करेगा।
वक्तव्य में कहा गया कि इसरो और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) ने बुधवार को एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और कहा कि इस कदम से छात्रों के बीच अनुसंधान और विकास के संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
वक्तव्य के अनुसार, “इस समझौते के तहत, इसरो और आईआईटी (बीएचयू) संस्थान में एक क्षेत्रीय अंतरिक्ष अकादमिक केंद्र (आरएसी-एस) स्थापित करेंगे।”
इस क्रम में संस्थान के बी टेक और एम टेक के छात्रों को कम अवधि की परियोजनाओं से जोड़ा जाएगा।
वक्तव्य में कहा गया, “पीएचडी के लिए लंबी अवधि की अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं भी दी जाएंगी। इस क्षेत्र में ज्ञान का आधार बढ़ाने के उद्देश्य से सम्मेलन, प्रदर्शनी और कम अवधि पाठ्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।”
एमओयू पर आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और इसरो के क्षमता वर्धक कार्यक्रम कार्यालय (सीबीपीओ) के निदेशक पी वी वेंकटकृष्णन ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर इसरो के वैज्ञानिक सचिव आर उमामहेश्वरन ने उद्घाटन भाषण दिया।
जैन ने कहा कि इसरो का आरएसी-एस उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अंतरिक्ष तकनीक से संबंधित गतिविधियों को प्रमुखता से आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।