‘नई पीढ़ी पर पुश्तैनी कारोबार को बचाये रखने की चुनौती, डिजिटलीकरण है महत्वपूर्ण’

Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jun, 2021 03:02 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) कोरोना महामारी के परिवेश में कारोबार को आगे बढ़ाने में ‘डिजिटलीकरण’ महत्वपूर्ण जरिया बनकर उभरा है और ऐसे में देश की नौजवान पीढ़ी पर अपने व्यवसायों और खासतौर से पुश्तैनी व्यवसाय को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए...

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) कोरोना महामारी के परिवेश में कारोबार को आगे बढ़ाने में ‘डिजिटलीकरण’ महत्वपूर्ण जरिया बनकर उभरा है और ऐसे में देश की नौजवान पीढ़ी पर अपने व्यवसायों और खासतौर से पुश्तैनी व्यवसाय को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए ‘डिजिटलीकरण’ को अपनाने की चुनौती है। यह कहना है महिला उद्यमी व लेखिका प्रियंका गुप्ता जिंलेंस्की का जो अपने पारिवारिक व्यवसाय से 13 साल से जुड़ी हैं।
एमपीआईएल स्टील स्ट्रक्चर्स लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक प्रियंका गुप्ता जींलेंस्की ने अपनी पुस्तक ‘‘दि अल्टीमेट फेमिली बिजनेस सर्वाइवल गाइड’’ में भारत के पुश्तैनी कारोबारों उनके पीछे की सोच, संस्कृति और नये बदले परिवेश में उसे आगे बढ़ाने को लेकर अपने अनुभव साझा किये हैं।
उनका यह भी कहना है कि पारिवारिक विवादों में फंस का बंद होने वाले उद्यमों का बचाने के लिए सरकार को त्वरित समाधान की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उनसे जड़े रोजगार और पूंजी की हानि न हो।
उन्होंने भाषा से बातचीत में कहा, ‘ युवापीढ़ी को बाप-दादा से विरासत में मिले व्यवसाय को छोड़ना नहीं ,उसको नए तरीकों से आगे बढ़ाना चाहिए। वे नये रूझान देखें, बाजार का अध्ययन करें, खुद भी कुछ शोध करें। कोरोना काल में कैसे सामान की संपर्क रहित तरीके से डिलीवरी की जा सकती है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें, कैसे पुराने जमाने से बन रहे उत्पाद को नये तौर तरीकों में ढाल कर कारोबार बढ़ाया जा सकता है इस पर गौर करें।

हरियाणा के हिंसार में पली बढ़ी, प्रियंका को वर्ष 2012 में इकोनोमिक टाइम्स का वर्ष की महिला उद्यमी पुरस्कार दिया गया था।
उनका कहना है कि सरकार को भी अपनी नीतियों में पारिवारिक व्यवसाय की बेहतरी को लेकर उपाय करने चाहिये। देश में कई पारिवारिक व्यवसाय ऐसे हैं जो पारिवारिक झगड़ों के कारण कानूनी विवाद में फंसे हैं। उनके कारखाने न्यायालय विवाद के कारण बंद पड़े हैं। इस प्रकार के विवादों में कारोबार, रोजगार चलता रहे सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया कि इस प्रकार के विवादों का त्वरित निपटारा हो इसके लिये पारिवारिक व्यवसाय केन्द्रित विशेष मध्यस्थ अदालतें बनाई जानी चाहिये जिनमें उच्च न्यायालयों के अनुभवी न्यायधीशों को नियुक्त किया जाना चाहिये।
उन्होंने 250- 300 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली सूचीबद्ध कंपनियों में महिला निदेशकों को शामिल किये जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों के निदेशक मंडल में कम से कम दो महिलायें शामिल होनी चाहिये। परिवार की पढ़ी- लिखी महिलाओं को निदेशक मंडल में स्थान दिया जाना चाहिये।

प्रियंका की कंपनी सालाना 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रही है। कंपनी बिजली संयंत्रों, रिफाइनरियों, मेट्रो रेल और हवाईअड्डों को बनाने में काम आने वाले ठोस, मजबूत इस्पात ढांचे का निर्माण करती है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!