प बंगाल, बिहार और ओडिशा में लॉकडाउन के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा

Edited By PTI News Agency,Updated: 11 Jan, 2022 03:51 PM

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नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) देश के पूर्वी राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में वर्ष 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान पीएम2.5 के स्तर में शुरुआती गिरावट के बाद, 2021 में पुनः प्रदूषण कारक तत्वों की मात्रा में वृद्धि देखी गई।

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) देश के पूर्वी राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में वर्ष 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान पीएम2.5 के स्तर में शुरुआती गिरावट के बाद, 2021 में पुनः प्रदूषण कारक तत्वों की मात्रा में वृद्धि देखी गई।
‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ (सीएसई) ने सोमवार को यह जानकारी दी। पर्यावरण के लिए काम करने वाले संस्थान ने कहा, “अभी जनवरी का महीना है और भारत के पूर्वी राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सर्दियों में वायु प्रदूषण में वृद्धि देखी जा रही है।”
सीएसई ने कहा, “जाड़े में उत्पन्न हुआ स्मॉग जो कि नवंबर की शुरुआत में उत्तर भारत पर छाया रहता है, वह दिसंबर के अंत और जनवरी के आरंभ में पूर्व की तरफ बढ़ता है। बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं जब पहले से बढ़ा हुआ स्थानीय प्रदूषण सर्दियों में और बढ़ जाता है।”
संस्थान द्वारा किये गए विश्लेषण में पाया गया कि क्षेत्र के लगभग सभी शहरों में 2020 में पीएम2.5 के औसत वार्षिक स्तर में गिरावट देखी गई जब देश में कई चरणों में लॉकडाउन लगा था।
अध्ययन में कहा गया, “प्रदूषण कारक तत्वों की मात्रा 2021 में पुनः बढ़ी, हालांकि ज्यादातर मामलों में यह स्तर 2019 के मुकाबले कम था। पश्चिम बंगाल में औद्योगिक क्षेत्र दुर्गापुर, जिसे सीपीसीबी द्वारा सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र घोषित किया गया है, वहां 2021 में औसत 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। इसके बाद मुजफ्फरपुर और पटना है जहां 2021 में पीएम2.5 का औसत क्रमशः 78 और 73 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।”

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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