Edited By PTI News Agency,Updated: 27 Jul, 2022 10:04 AM
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) वेदांता का तमिलनाडु के तूतूकुड़ी स्थित तांबा स्मेलटर कारखाना मई 2018 से बंद होने से अर्थव्यवस्था को 14,749 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) वेदांता का तमिलनाडु के तूतूकुड़ी स्थित तांबा स्मेलटर कारखाना मई 2018 से बंद होने से अर्थव्यवस्था को 14,749 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
वेदांता द्वारा अपने तांबा कारखाना को बिक्री के लिये रखने जाने के एक महीने बाद यह रिपोर्ट आई है।
यह संयंत्र चार साल पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी से 13 लोगों की मौत के बाद बंद कर दिया गया था। लोग कारखाने से फैलने वाले प्रदूषण को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
गैर-सरकारी संगठन कट्स इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि तांबा संयंत्र के बंद होने से अर्थव्यवस्था को संचयी रूप से 14,749 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें सभी पक्षों को हुए नुकसान को शामिल किया गया है।’’
कारखाना बंद होने के दौरान तमिलनाडु के राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 0.72 प्रतिशत नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, कारखाना बंद होने से कंपनी को 4,777 करोड़ रुपये की हानि हुई है।
नीति आयोग के वित्तीय समर्थन से तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को भी कर और शुल्क के रूप में राजस्व के रूप में अच्छा खासा नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कारखाना बंद होने से विभिन्न पक्षों पर गंभीर आर्थिक प्रभाव को देखते हुए विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन को लेकर बेहतर वैकल्पिक उपाय खोजने की तत्काल आवश्यकता है।
तमिलनाडु सरकार ने हिंसक विरोध के बाद मई, 2018 में तूतुकडी स्थित कारखाने को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था।
हालांकि, कंपनी पूर्व में कारखाने से प्रदूषण फैलने की बात से इनकार करती रही है और संयंत्र शुरू करने की अनुमति देने के आग्रह को लेकर उच्चतम न्यायालय भी गयी।
लेकिन शीर्ष अदालत से अबतक इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।