Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Sep, 2022 06:18 PM
![pti state story](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2019_12image_17_17_533247563punjab-kesarill-ll.jpg)
नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) भारत डिजिटल इंजीनियरिंग के लिए एक अग्रणी स्थल के रूप में उभरा है और इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास के कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी मौजूदा के 28-30 प्रतिशत से उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की उम्मीद है। नैसकॉम-डेलॉयट...
नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) भारत डिजिटल इंजीनियरिंग के लिए एक अग्रणी स्थल के रूप में उभरा है और इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास के कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी मौजूदा के 28-30 प्रतिशत से उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की उम्मीद है। नैसकॉम-डेलॉयट की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
‘डिजिटल इंजीनियरिंग में भविष्य में वृद्धि पाने वाले क्षेत्र’ शीर्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इंजीनियरिंग, अनुसंधान और विकास (ईआरएंडडी) के क्षेत्र में डिजिटल इंजीनियरिंग (डीई) परंपरागत अभियांत्रिकी का स्थान लेती जा रही है।
नैसकॉम की अध्यक्ष देबाजानी घोष ने कहा, ‘‘भारत चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है जहां आगामी वर्षों में ईआरएंडडी के कुल राजस्व में डिजिटल बदलाव राजस्व 50-60 प्रतिशत होगा।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि कुशल युवाओं की बढ़ती संख्या, साझेदारी के लिए बनते माहौल और सरकारी संस्थानों द्वारा उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के बूते भारत बाजार में अपनी मजबूत जगह बना चुका है। इसमें कहा गया, ‘‘आज भारत डिजिटल इंजीनियरिंग के लिए अग्रणी स्थल के तौर पर उभरा है।’’
रिपोर्ट में बताया गया कि 2021-22 में ईआरएंडडी के कुल राजस्व में डिजिटल इंजीनियरिंग की हिस्सेदारी 28-30 प्रतिशत रही है। बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा, स्वास्थ्य, उपभोक्ता सामान (डिब्बाबंद) और खुदरा क्षेत्र में डिजिटल इंजीनियरिंग में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।