Breaking




मौजूदा बारिश पहले बोई गई फसलों के लिए नुकसानदायक : आईएआरआई निदेशक

Edited By PTI News Agency,Updated: 10 Oct, 2022 08:57 PM

pti state story

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक ए के सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के कई हिस्सों में खरीफ की फसल धान की कटाई हो रही है लेकिन ज्यादातर राज्यों में लगातार हो रही बारिश फसल के लिए अच्छी नहीं है।

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक ए के सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के कई हिस्सों में खरीफ की फसल धान की कटाई हो रही है लेकिन ज्यादातर राज्यों में लगातार हो रही बारिश फसल के लिए अच्छी नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वी राज्यों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश जैसे कुछ दक्षिणी राज्यों में देर से बुवाई वाली और लंबी अवधि (155-156 दिन) की धान की किस्मों के लिए यह बारिश अच्छी है।
मौसम विभाग ने अक्टूबर माह में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
हरियाणा, पंजाब, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे धान उत्पादक राज्यों के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों में भारी बारिश हुई है।

अभी मुख्य खरीफ (गर्मी) फसल धान की कटाई चल रही है। खरीफ मौसम में देश में चावल का 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन होता है।

सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस समय में इन फसलों के लिए बारिश अच्छी नहीं होती है। धान की शुरुआती किस्में जो 125 दिनों में पक जाती हैं, वे इस भीषण बारिश में खराब हो जाएंगी क्योंकि ये फसलें अब पक चुकी हैं और इनमें से कुछ की पहले ही कटाई की जा चुकी है।

सिंह ने कहा कि वर्तमान में देर से बोई जाने वाली धान की कई किस्में अनाज आने की अवस्था में हैं। इस समय बारिश के बाद हवा चलने से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा कि पंजाब में जल्दी बुवाई किस्मों का रकबा लगभग 10-15 प्रतिशत है। राज्य में कई शुरुआती किस्मों जैसे पीआर126 और बासमती चावल की किस्मों- 1509 और 1692 की कटाई की जाती है। वहीं कुछ फसलें पहले ही कट चुकी हैं और कुछ खेतों या मंडियों में पड़ी है।

हालांकि इस समय पर्याप्त अध्ययन के बिना नुकसान का पता लगाना मुश्किल है।

आईएआरआई के निदेशक के अनुसार, हालांकि ये बारिश पूर्वी भारत के लिए अच्छा संकेत है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में जहां धान की देर से बुवाई होती है। इन किस्मों की खेती लगभग 30-40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!