Edited By ,Updated: 04 Aug, 2016 03:38 PM
रंग-बिरंगे रंगों की कहानी भी बड़ी ही मनभावन, मनोरम और अनोखी है। रंगों के प्रति भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की भिन्न-भिन्न रुचियां उनके व्यक्तित्व को उजागर करती हैं।
रंग-बिरंगे रंगों की कहानी भी बड़ी ही मनभावन, मनोरम और अनोखी है। रंगों के प्रति भिन्न-भिन्न व्यक्तियों की भिन्न-भिन्न रुचियां उनके व्यक्तित्व को उजागर करती हैं।
* श्याम रंग पसंद करने वाला अविश्वासी होता है।
* नीला रंग पसंद करने वाला शांत, भावुक और विश्वासी होता है।
* सफेद रंग पसंद करने वाला ज्ञानी, रूपवान और सादा होता है।
* बसंती रंग पसंद करने वाला सात्विक, विचारक और प्रशंसनीय होता है।
* हरा रंग पसंद करने वाला प्रसन्नचित, नम्र और स्वाभाविक होता है।
* पीला रंग पसंद करने वाला दयालु, वीर और साधु होता है।
* लाल रंग पसंद करने वाला स्वभाव से रूखा, क्रोधी और दुस्साहसी होता है।
ज्योतिष विज्ञान ने भी रंगों के शरीर और मन पर पडऩे वाले प्रभावों को स्वीकारा है और इस बात पर जोर दिया है कि यदि सप्ताह के हर एक दिन, उस दिन के देवता तथा ग्रह विशेष से संगति बिठाते हुए रंग का चुनाव कर, व सिलवा कर पहनें जाएं तो व्यक्ति को काफी फायदा होता है।
* मंगलवार के स्वामी बजरंग बली बताए जाते हैं। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर पूजा-पाठ किया जाए तो फायदा होता है।
* बुधवार के स्वामी श्री कृष्ण हैं। इस दिन हरे रंग के व धारण कर पूजा-अर्चना की जाए तो विशेष प्रभाव होता है।
* वीरवार के स्वामी विष्णु हैं। इस दिन पीला व धारण कर पूजा की जाए तो ईश्वर प्रसन्न होते हैं और ग्रहों का प्रकोप तत्काल नहीं होता।
* शुक्रवार की स्वामिनी संतोषी मां हैं। इस दिन सफेद कपड़े पहन कर पूजा-अर्चना की जाए तो ग्रहों का विशेष प्रभाव तत्काल नहीं पड़ता और देवता भी खुश होते हैं।
* शनिवार के स्वामी भी बजरंग बली हैं। इस दिन काले व धारण कर पूजा-पाठ किया जाए तो देवता खुश होते हैं।
* रविवार के स्वामी श्रीराम हैं। इस दिन सफेद व धारण कर पूजा-अर्चना की जाए तो तत्काल ग्रहों का प्रकोप नहीं पड़ता।
-धर्मवीर सिंह परदेशी