दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक अध्याय के पाठ से मिलता है भिन्न-भिन्न फल

Edited By ,Updated: 07 Oct, 2016 04:00 PM

durga saptashati

नवरात्र में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नियमित दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है। दुर्गा सप्तशती में तेरह अध्याय

नवरात्र में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नियमित दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है। दुर्गा सप्तशती में तेरह अध्याय होते हैं। इन अध्यायों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले भाग में मधु कैटभ वध का वर्णन है। दूसरे में सेना सह‌ित मह‌िषासुर के वध की कथा और अंतिम चरित्र में शुम्‍भ न‌िशुम्‍भ वध और सुरथ एवं वैश्य को म‌िले देवी के वरदान का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती के अलग-अलग अध्याय के पाठ से भिन्न-भिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। अपनी इच्छानुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। आइए जानें कौन से अध्याय से क्या फल मिलता है।


* प्रथम अध्याय का प्रतिदिन पाठ करने से परेशनियों से मुक्ति मिलती है। 

 

* दूसरे अध्याय के पाठ करने से कोर्ट केस एवं विवादों में सफलता मिलती है। 

 

*  मां दुर्गा की भक्त‌ि अौर कृपा प्राप्ति के लिए चतुर्थ अध्याय का नियमित पाठ करें।

 

* पांचवें अध्याय के पाठ से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भक्तों की समस्याअों का नाश होता है। 

 

* भय, शंका अौर ऊपरी बाधा से मुक्ति हेतु दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय का पाठ करने से लाभ होगा।

 

* सातवें अध्याय का पाठ करने से विशेष इच्छाएं पूर्ण होती है। 

 

* आठवें अध्याय के पाठ से वशीकरण और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

 

* खोए हुए व्यक्ति को पाने अौर संतान सुख के लिए नवम अध्याय फलदायी माना गया है। 

 

* दसवें अध्याय में शुंभ वध की कथा है। इस अध्याय के पाठ से रोग अौर दुखों का नाश होता है। इस अध्यााय से पठन से मनोकामनाअों की भी पूर्ति होती है।

 

* व्यापार में लाभ अौर सुख-शांति के लिए गयारहवें अध्याय का पाठ करें।

 

* बारहवें अध्यााय के पाठ से मान-सम्मान अौर सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है। 

 

* तेरहवें अध्याय के पाठ से देवी की भक्ति अौर कृपा मिलती है।

 

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