Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 11 Apr, 2025 11:32 AM
इंसानों का चांद पर जाना अब कोई सपना नहीं रहा। लेकिन जब बात लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की आती है तो सबसे बड़ा सवाल बनता है—"वहां कचरे का क्या?" खासकर इंसानी मल, पेशाब और उल्टी जैसे जैविक कचरे का क्या किया जाए?
इंटरनेशनल डेस्क: इंसानों का चांद पर जाना अब कोई सपना नहीं रहा। लेकिन जब बात लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने की आती है तो सबसे बड़ा सवाल बनता है—"वहां कचरे का क्या?" खासकर इंसानी मल, पेशाब और उल्टी जैसे जैविक कचरे का क्या किया जाए? इसी सवाल का हल ढूंढने के लिए NASA यानी अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ने शुरू किया है LunaRecycle Challenge। इस चुनौती का मकसद है—ऐसी तकनीक तैयार करना जो अंतरिक्ष यात्रियों के जैविक कचरे को रीसाइकिल कर सके। और अगर आपके पास इस समस्या का समाधान है, तो तैयार हो जाइए 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 25.81 करोड़ रुपये जीतने के लिए।
अपोलो मिशन की 'गंदगी' अब बनी है मिशन
जब 1969 से लेकर 1972 के बीच अपोलो मिशन के दौरान इंसान पहली बार चांद पर गया था, तो वहां वैज्ञानिकों ने अपने पीछे सिर्फ कदमों के निशान ही नहीं छोड़े थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब भी चांद की सतह पर 96 बैगों में इंसानी मल पड़ा हुआ है। NASA अब इस गलती को दोहराना नहीं चाहता। इसलिए अब जब वो चांद और मंगल जैसे स्थायी मिशनों की प्लानिंग कर रहा है, तो उसकी नजर इस कचरे को संसाधन में बदलने पर है।
LunaRecycle Challenge क्या है?
NASA ने इस प्रोजेक्ट को 'लूनारीसाइकिल चैलेंज' नाम दिया है। इसके तहत वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स से कहा गया है कि वे ऐसा तरीका खोजें जिससे अंतरिक्ष में पैदा होने वाले ठोस और तरल जैविक कचरे को रीसाइकिल किया जा सके। यह सिर्फ तकनीकी चुनौती नहीं है बल्कि यह भविष्य के मिशनों की नींव है। यह तकनीक न सिर्फ अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत और संसाधनों की बचत में मदद करेगी, बल्कि पृथ्वी पर भी कचरा प्रबंधन को लेकर नई क्रांति ला सकती है।
क्या करना होगा इस चैलेंज में?
अगर आप इस चैलेंज का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आपको ऐसा प्रोटोटाइप या आइडिया देना होगा जो:
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इंसानी मल, पेशाब और उल्टी जैसे कचरे को सुरक्षित तरीके से प्रोसेस कर सके
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इसे इस तरह रीसाइकिल करे कि उससे ऊर्जा, पानी या खाद जैसे उपयोगी संसाधन निकल सकें
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कम जगह में काम करे, ताकि स्पेस मिशन पर ज्यादा वजन या जगह की जरूरत न हो
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लॉन्ग टर्म मिशन जैसे चांद या मंगल पर मानव बस्ती के लिए उपयुक्त हो
कौन कर सकता है हिस्सा?
इस चैलेंज में दुनिया के किसी भी देश से व्यक्ति, संस्था या कंपनी भाग ले सकती है। जरूरी नहीं कि आप स्पेस एजेंसी से जुड़े हों, अगर आपके पास एक अनोखा और कारगर आइडिया है, तो आप विजेता बन सकते हैं।
पहले फेज की एंट्री हो चुकी है बंद
इस प्रतियोगिता का पहला राउंड 31 मार्च 2025 को खत्म हो चुका है। इस फेज में आए हजारों प्रस्तावों की अब NASA समीक्षा कर रहा है। इसके बाद चुने गए बेस्ट आइडियाज को अगली स्टेज के लिए बुलाया जाएगा। फाइनल विजेताओं को कुल 3 मिलियन डॉलर का इनाम दिया जाएगा।
धरती पर भी आएगा काम
NASA का कहना है कि ये तकनीक सिर्फ स्पेस तक सीमित नहीं रहेगी। अगर कोई ऐसी मशीन या तरीका बनता है जो स्पेस में वेस्ट मैनेजमेंट कर सके, तो वही तकनीक धरती पर भी गांवों, आपदा क्षेत्रों और छोटे इलाकों में कचरा प्रबंधन में उपयोग हो सकती है। इससे जहरीले कचरे को खत्म करने में भी मदद मिल सकती है।