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इस राज्य में बिजली बिलों में झटका, उपभोक्ताओं को लगेगा महंगाई का करंट!

Edited By Mahima,Updated: 02 Apr, 2025 10:30 AM

shock in electricity bills in this state

हरियाणा में 2025-26 के लिए बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा की गई है, जिसके तहत घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 20 से 30 पैसे प्रति किलोवाट घंटा की बढ़ोतरी की गई है। घरेलू दरों में बढ़ोतरी के साथ-साथ औद्योगिक और कृषि श्रेणियों में भी...

नेशनल डेस्क: हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (HERC) ने 2025-26 के लिए बिजली दरों में वृद्धि की घोषणा की है। इसके तहत घरेलू और औद्योगिक दोनों श्रेणियों के उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल का सामना करना पड़ेगा। बिजली दरों में यह बढ़ोतरी 20 से 30 पैसे प्रति किलोवाट घंटा (kWh) तक की की गई है, जिससे उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़ी हुई दरें
HERC द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें बढ़ाई गई हैं। 0 से 50 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए अब 2.20 रुपये प्रति किलोवाट घंटा का शुल्क लिया जाएगा, जो पहले 2 रुपये था। वहीं, 51 से 100 यूनिट तक की खपत पर 2.70 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की दर लागू होगी, जबकि पहले यह दर 2.50 रुपये प्रति किलोवाट घंटा थी। यह बदलाव विशेष रूप से उन उपभोक्ताओं पर असर डालेगा, जो कम बिजली का उपयोग करते हैं, लेकिन उनके बिल में वृद्धि होगी।

औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए दरों में बढ़ोतरी
औद्योगिक सेक्टर के उपभोक्ताओं को भी बिजली बिल में वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। 11 kVAh के लिए अब दर ₹6.65 प्रति kVAh से बढ़कर ₹6.95 प्रति kVAh कर दी गई है। इससे उद्योगों को प्रति यूनिट अधिक भुगतान करना होगा। इसके अलावा, फिक्स्ड चार्ज भी बढ़ा दिया गया है। पहले यह ₹165 प्रति किलोवोल्ट-एंपियर (kVA) प्रति माह था, जो अब ₹290 प्रति kVA प्रति माह कर दिया गया है। यह बदलाव औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय बोझ बढ़ाने वाला साबित हो सकता है, खासकर उन उद्योगों के लिए जो बड़ी मात्रा में बिजली का उपयोग करते हैं।

कृषि उपभोक्ताओं के लिए नया टैरिफ
कृषि उपभोक्ताओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। मीटर कनेक्शन वाले कृषि श्रेणी के लिए मासिक न्यूनतम शुल्क (MMC) को संशोधित किया गया है। पहले यह ₹200 प्रति बीएचपी प्रति वर्ष था, जिसे घटाकर ₹180/144 प्रति बीएचपी सालाना कर दिया गया है। यह बदलाव विशेष रूप से उन किसानों को राहत प्रदान करेगा, जो अपनी खपत के हिसाब से बिजली बिल का भुगतान करते हैं। 

नई कैटेगरी और उच्च खपत पर बढ़ी दरें
HERC ने 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए एक नई कैटेगरी शुरू की है। इसके तहत, 500 यूनिट तक की खपत पर अब 6.50 रुपये प्रति किलोवाट का शुल्क लागू किया जाएगा। वहीं, 501 से 1000 यूनिट तक की खपत पर यह दर 7.15 रुपये प्रति किलोवाट और 1000 यूनिट से अधिक खपत पर यह दर 7.50 रुपये प्रति किलोवाट होगी। इसके अलावा, 301 से 500 यूनिट और 500 यूनिट से अधिक की खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए ₹50 प्रति किलोवाट का फिक्स चार्ज लगाया जाएगा। यह नई कैटेगरी उन उपभोक्ताओं के लिए है, जिनकी खपत 500 यूनिट या उससे अधिक होती है। ऐसे उपभोक्ताओं को अब ज्यादा भुगतान करना होगा, जो पहले की तुलना में ज्यादा बिजली का उपयोग करते थे। 

बिजली दरों में वृद्धि का प्रभाव
बिजली दरों में यह बढ़ोतरी राज्य के विभिन्न वर्गों के उपभोक्ताओं पर असर डाल सकती है, खासकर उन लोगों पर जो पहले से बिजली बिल को लेकर चिंतित थे। घरेलू उपभोक्ताओं, औद्योगिक क्षेत्र, और कृषि क्षेत्र के लिए यह एक अतिरिक्त वित्तीय चुनौती हो सकती है। हालांकि, HERC ने कहा है कि यह कदम बिजली वितरण प्रणाली की बेहतर कार्यकुशलता और राज्य के बिजली क्षेत्र की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है। हरियाणा में बिजली दरों में बढ़ोतरी से अब उपभोक्ताओं को ज्यादा खर्च का सामना करना पड़ेगा। घरेलू और औद्योगिक दोनों वर्गों को इसके परिणाम भुगतने होंगे। इसके साथ ही, 5 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए नई कैटेगरी का निर्धारण किया गया है, जिससे उच्च खपत करने वालों के लिए बिल में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए एक चुनौती बन सकता है, लेकिन बिजली वितरण प्रणाली में सुधार और वित्तीय स्थिरता के लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है।

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