Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Mar, 2025 04:28 PM

क्रिकेट की दुनिया में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं, जिनपर विश्वास करना कठिन होता है। जैसे, क्या आपने कभी सुना है कि किसी गेंदबाज की गेंद पर एक भी छक्का नहीं लगा?
नेशनल डेस्क: क्रिकेट की दुनिया में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं, जिनपर विश्वास करना कठिन होता है। जैसे, क्या आपने कभी सुना है कि किसी गेंदबाज की गेंद पर एक भी छक्का नहीं लगा? यह सुनने में शायद थोड़ा अजीब लगे, लेकिन क्रिकेट इतिहास में ऐसे 5 गेंदबाज हुए हैं, जिनकी गेंदों पर कभी भी छक्का नहीं लगा। आइए, इन शानदार गेंदबाजों के बारे में जानते हैं जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान किया, लेकिन उनकी गेंदों पर एक भी छक्का नहीं पड़ा।
1. डेरेक प्रिंगल: इंग्लैंड का मीडियम पेसर
इंग्लैंड के पूर्व स्टार गेंदबाज डेरेक प्रिंगल का जन्म केन्या में हुआ था, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड की तरफ से क्रिकेट खेला। उन्होंने शुरुआत में बल्लेबाज के तौर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया, लेकिन बाद में उन्होंने मीडियम पेसर के तौर पर अपनी पहचान बनाई। डेरेक प्रिंगल ने इंग्लैंड की ओर से 30 टेस्ट मैच खेले और 5200 गेंदों के दौरान 70 विकेट लिए। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उनकी गेंदों पर एक भी बल्लेबाज ने छक्का नहीं मारा। यह उनके शानदार गेंदबाजी कौशल और नियंत्रण का प्रतीक है।
2. कीथ मिलर: ऑस्ट्रेलिया का महान गेंदबाज
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान गेंदबाज कीथ मिलर ने 55 टेस्ट मैचों में 170 विकेट चटकाए। उन्होंने अपने करियर में कुल 10,461 गेंदें फेंकी, लेकिन इस दौरान एक भी गेंद ऐसी नहीं थी जिस पर कोई बल्लेबाज छक्का लगा सके। कीथ मिलर का यह रिकॉर्ड उनकी उत्कृष्ट गेंदबाजी और नियंत्रण की ओर इशारा करता है। वह अपनी गेंदबाजी में इतनी विविधता और कड़ी मेहनत करते थे कि उनके खिलाफ कोई बल्लेबाज जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं कर पाता था।
3. नील हॉक: ऑस्ट्रेलिया का रॉक-सॉलिड गेंदबाज
ऑस्ट्रेलिया के नील हॉक ने 1963 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने कुल 27 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया और 145 प्रथम श्रेणी मैच खेले। नील हॉक ने कुल 6,987 गेंदें फेंकी, लेकिन उनकी गेंदों पर कभी भी कोई बल्लेबाज छक्का नहीं लगा पाया। उनका यह रिकॉर्ड यह साबित करता है कि उनकी गेंदबाजी में ऐसी सटीकता और नियंत्रण था कि बल्लेबाजों के पास बड़ी हिट्स मारने का मौका ही नहीं मिलता था।
4. मुदस्सर नजर: पाकिस्तान का किला
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मुदस्सर नजर को 1976 से 1989 तक पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 76 मैच खेले और 112 वनडे मैचों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। मुदस्सर नजर ने कुल 5867 गेंदें फेंकी, लेकिन उनकी गेंदों पर एक भी छक्का नहीं पड़ा। मुदस्सर नजर की गेंदबाजी में ऐसी क्षमता थी कि कोई भी बल्लेबाज उनके खिलाफ बड़ा शॉट खेलने से बचता था। उनका यह रिकॉर्ड पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास में एक अनमोल धरोहर की तरह है।
यह सभी गेंदबाज अपनी गेंदबाजी में इतनी सटीकता और नियंत्रण रखते थे कि कोई बल्लेबाज जोखिम नहीं उठा पाता था। उनकी गेंदों पर रन बनाना मुश्किल था, लेकिन उनका मकसद बल्लेबाज को आसानी से रन बनाने का मौका देना नहीं था। इन गेंदबाजों का यह रिकॉर्ड क्रिकेट के इतिहास में एक अलग स्थान रखता है। उनके द्वारा फेंकी गई गेंदों ने बल्लेबाजों को चुनौती दी और हमेशा एक सुरक्षित सीमा पर रखा।