Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 20 Mar, 2025 01:58 PM

भारत में वित्तीय निगरानी एजेंसियों ने जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के कार्यालयों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा विनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन के चलते की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस कार्रवाई में कहा कि OSF ने भारत...
नेशनल डेस्क: भारत में वित्तीय निगरानी एजेंसियों ने जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के कार्यालयों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा विनियम (FEMA) के कथित उल्लंघन के चलते की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस कार्रवाई में कहा कि OSF ने भारत में कई कंपनियों को बिना उचित अनुमोदन के धन हस्तांतरित किया है, जो कि भारतीय कानूनों का उल्लंघन है।
जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन पर क्या आरोप हैं?
जांच में दावा किया गया है कि ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) के आर्थिक विकास कोष ने 2020-2023 के बीच तीन भारतीय कंपनियों को करीब 25 करोड़ रुपये (लगभग $3 मिलियन) की सहायता प्रदान की थी। आरोप है कि इन फंडों का हस्तांतरण भारतीय नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया और इससे पूर्व अनुमोदन की आवश्यकताओं को नजरअंदाज किया गया। गौरतलब है कि ओपन सोसाइटी फाउंडेशन 2016 से भारत की "पूर्व संदर्भ श्रेणी" के तहत है। इसके तहत, विदेशी फंड को भारत में भेजने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। यदि कोई विदेशी संस्था बिना सरकार की अनुमति के फंड्स भेजती है तो इसे अवैध माना जाता है। इस प्रकार, फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई भारत सरकार द्वारा इस नियम के उल्लंघन के आधार पर की गई है।
ओपन सोसाइटी फाउंडेशन, जिसे जॉर्ज सोरोस द्वारा स्थापित किया गया था, वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। भारत में भी फाउंडेशन ने विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं और संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। हालांकि, भारतीय वित्तीय अधिकारियों के अनुसार, इस सहायता को भारतीय कानूनों का पालन किए बिना दिया गया है, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया।
भारत सरकार ने यह भी कहा कि वह किसी भी विदेशी फंडिंग को लेकर सख्त निगरानी रखेगी और अगर किसी विदेशी संस्थान ने भारतीय नियमों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि विदेशी धन का उपयोग किसी भी प्रकार से देश की सुरक्षा, समाज या राजनीति के खिलाफ न हो।