Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 13 Mar, 2025 12:28 PM

अगर आप गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल क्रोम के कुछ पुराने वर्जन्स में गंभीर...
नेशनल डेस्क: अगर आप गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल क्रोम के कुछ पुराने वर्जन्स में गंभीर खामियां पाई गई हैं, जिससे हैकर्स यूजर्स के डिवाइस में सेंध लगा सकते हैं।
CERT-In ने दी चेतावनी
CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गूगल क्रोम के कुछ वर्जन्स में ऐसी कमजोरियां हैं, जिनका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। ये खामियां न सिर्फ Windows और Linux सिस्टम के लिए खतरनाक हैं, बल्कि Mac यूजर्स भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
कौन-कौन से वर्जन हैं प्रभावित?
CERT-In के मुताबिक, निम्नलिखित गूगल क्रोम वर्जन्स पर खतरा मंडरा रहा है:
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Linux: 134.0.6998.35 या इससे पुराने वर्जन्स
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Windows: 134.0.6998.35/36 पर चलने वाले वर्जन्स
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Mac: 134.0.6998.44/45 या इससे पुराने वर्जन्स अगर आप इनमें से किसी भी वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तुरंत अपने ब्राउजर को अपडेट कर लें।
कैसे हो सकता है नुकसान?
इन खामियों की वजह से हैकर्स आपके डिवाइस को रिमोटली एक्सेस कर सकते हैं। वे आपके पर्सनल डेटा को चुरा सकते हैं, सिस्टम पर वायरस अटैक कर सकते हैं और यहां तक कि आपके बैंकिंग डिटेल्स को भी एक्सपोज कर सकते हैं।
बचाव के उपाय:
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क्रोम ब्राउजर को तुरंत अपडेट करें: गूगल समय-समय पर अपने ब्राउजर के लिए सिक्योरिटी अपडेट जारी करता है, इसलिए इसे हमेशा अपडेटेड रखें।
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संदिग्ध वेबसाइट्स से बचें: अनजान और असुरक्षित वेबसाइटों पर अपनी निजी जानकारी दर्ज न करें।
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सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: एंटीवायरस और फायरवॉल को हमेशा एक्टिव रखें।
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ब्राउजर एक्सटेंशन्स को जांचें: अगर कोई अनजान एक्सटेंशन इंस्टॉल है, तो उसे तुरंत हटा दें।
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पासवर्ड मैनेजमेंट पर ध्यान दें: अपने अकाउंट्स के लिए मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड रखें।
क्यों जरूरी है अपडेट?
गूगल समय-समय पर अपने ब्राउजर में सिक्योरिटी अपग्रेड्स और बग फिक्स जारी करता है। अगर आप अपने ब्राउजर को अपडेट नहीं करते, तो साइबर अपराधी आसानी से इन खामियों का फायदा उठा सकते हैं।