Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Mar, 2025 06:31 PM

हनीट्रैप एक ऐसा जाल होता है, जिसमें किसी व्यक्ति को प्यार, दोस्ती या आकर्षण के जरिए फंसाकर उससे गुप्त जानकारियां हासिल की जाती हैं। इसमें आमतौर पर जासूस या एजेंट किसी व्यक्ति से नजदीकी बढ़ाते हैं और फिर उसे ब्लैकमेल या मैनिपुलेट करके महत्वपूर्ण...
नेशनल डेस्क: हनीट्रैप एक ऐसा जाल होता है, जिसमें किसी व्यक्ति को प्यार, दोस्ती या आकर्षण के जरिए फंसाकर उससे गुप्त जानकारियां हासिल की जाती हैं। इसमें आमतौर पर जासूस या एजेंट किसी व्यक्ति से नजदीकी बढ़ाते हैं और फिर उसे ब्लैकमेल या मैनिपुलेट करके महत्वपूर्ण सूचनाएं निकालते हैं।
क्या हनीट्रैप में शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं?
इसका जवाब है—हां। कई मामलों में जासूस महिलाएं अपने टारगेट को फंसाने के लिए शारीरिक संबंध तक बना लेती हैं। दुनियाभर की खुफिया एजेंसियां इस तरह के ऑपरेशन में प्रशिक्षित महिला एजेंट्स का इस्तेमाल करती हैं। पुरुष अक्सर सुंदर महिलाओं के आकर्षण में जल्दी फंस जाते हैं, इसलिए इस रणनीति का उपयोग किया जाता है।
ब्रिटिश खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने चीनी जासूसों के एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। इसमें यह खुलासा हुआ था कि महिला जासूस पहले टारगेट को आकर्षित करती थीं, फिर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उनसे महत्वपूर्ण राज उगलवा लेती थीं।
हनीट्रैप का मकसद क्या होता है?
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राजनीतिक ब्लैकमेल: नेताओं और सरकारी अधिकारियों से गोपनीय जानकारी निकालने के लिए।
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सैन्य खुफिया: सैन्य अधिकारियों से संवेदनशील जानकारियां प्राप्त करने के लिए।
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कॉर्पोरेट जासूसी: किसी कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा चोरी करने के लिए।
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डिजिटल ब्लैकमेल: वीडियो या अन्य माध्यमों से किसी को धमकाने के लिए।
दुनियाभर में हनीट्रैप के चर्चित मामले
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कर्नाटक विधायक और केंद्रीय मंत्री का मामला: हाल ही में कर्नाटक के एक विधायक और केंद्रीय मंत्री के हनीट्रैप में फंसने की खबरें आई हैं।
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माता हरी का मामला: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और फ्रांस के लिए जासूसी करने वाली प्रसिद्ध महिला एजेंट।
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रूसी जासूस अन्ना चैपमैन: जिन्हें अमेरिका में हनीट्रैप ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया गया था।
कैसे बचा जाए हनीट्रैप से?
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अनजान लोगों से नजदीकियां बढ़ाने से पहले सतर्क रहें।
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सोशल मीडिया पर निजी जानकारी शेयर करने से बचें।
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संदिग्ध लोगों से मिलते समय सतर्क रहें, खासकर अगर वे व्यक्तिगत जानकारियां लेने की कोशिश करें।
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किसी भी तरह के ब्लैकमेल या धमकी की स्थिति में तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें।