Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Apr, 2025 12:45 PM
बिहार में लगातार बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। परिवार नियोजन को लेकर खासकर पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।
नेशनल डेस्क: बिहार में लगातार बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। परिवार नियोजन को लेकर खासकर पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। लेकिन इसी अभियान के दौरान एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। भागलपुर जिला जहां कंडोम वितरण में पूरे राज्य में नंबर एक रहा, वहीं पुरुष नसबंदी के मामले में 30वें स्थान पर रहा।
परिवार नियोजन पखवाड़ा में चला अभियान
17 से 29 मार्च 2025 के बीच बिहार में परिवार नियोजन पखवाड़ा आयोजित किया गया था। इसका मकसद था दंपतियों को गर्भ निरोधक उपायों के लिए जागरूक करना और जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुंचाना। इस दौरान हर जिले को एक निश्चित लक्ष्य भी दिया गया था।
महिलाओं की नसबंदी में भी पीछे रहा भागलपुर
महिला बंध्याकरण के आंकड़ों की बात करें तो भागलपुर को 2010 महिलाओं की नसबंदी का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 1258 महिलाओं की नसबंदी हो सकी। यह कुल लक्ष्य का सिर्फ 41 प्रतिशत है। इसके साथ ही भागलपुर महिला नसबंदी में 15वें स्थान पर रहा।
पुरुष नसबंदी में हालत बेहद खराब
पुरुष नसबंदी के लिए भागलपुर को 100 पुरुषों की नसबंदी का टारगेट दिया गया था। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 1 पुरुष की ही नसबंदी हो सकी। यानी कुल लक्ष्य का मात्र 1 प्रतिशत। इस खराब प्रदर्शन के चलते भागलपुर पूरे राज्य में 30वें स्थान पर चला गया।
कंडोम वितरण में बना चैंपियन
अब सबसे रोचक बात यह है कि जहां पुरुष और महिला नसबंदी के आंकड़े बेहद निराशाजनक रहे, वहीं कंडोम वितरण के मामले में भागलपुर ने दोगुना से ज्यादा लक्ष्य पूरा कर दिया। लक्ष्य था 121750 कंडोम का वितरण, लेकिन 250893 कंडोम बांटे गए। इस प्रदर्शन के दम पर भागलपुर राज्य का नंबर एक जिला बन गया।