Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Mar, 2025 01:11 PM

स्पेस में जीवन के बारे में वैज्ञानिकों के बीच कई सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब एक नया सवाल सामने आया है, क्या स्पेस में इंसानी बच्चे का जन्म संभव है?
नेशनल डेस्क: स्पेस में जीवन के बारे में वैज्ञानिकों के बीच कई सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब एक नया सवाल सामने आया है – क्या स्पेस में इंसानी बच्चे का जन्म संभव है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर भविष्य में मानवता दूसरे ग्रहों पर बसी तो उस समय यह जानना जरूरी होगा कि क्या वहां भी इंसान जन्म ले सकते हैं? इस लेख में हम यही समझेंगे कि स्पेस में इंसानी बच्चे का जन्म कैसे हो सकता है, और उस पर क्या असर पड़ेगा।
स्पेस में प्रेग्नेंसी और जन्म मुमकिन है?
स्पेस में प्रेग्नेंसी के बारे में वैज्ञानिकों ने कई शोध किए हैं, लेकिन अब तक इस सवाल का कोई स्पष्ट और संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि स्पेस में जीरो ग्रैविटी और रेडिएशन का असर इंसानी शरीर पर पड़ सकता है, खासकर जब बात भ्रूण के विकास की हो। जीरो ग्रैविटी में शरीर की सामान्य क्रियाएं प्रभावित होती हैं, और रेडिएशन का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स शारीरिक संबंध कैसे बनाते हैं?
महिला एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में प्रेग्नेंट हो सकती हैं?
हां, महिला एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में प्रेग्नेंट हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके गर्भ में पल रहा बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा। स्पेस का वातावरण भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जीरो ग्रैविटी और रेडिएशन की स्थिति में भ्रूण का विकास सामान्य तरीके से नहीं हो पाता। इसके अलावा, स्पेस में प्रेग्नेंट होने के दौरान महिला की सेहत भी प्रभावित हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप बच्चे की मृत्यु का खतरा या उसके जन्म में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जीरो ग्रैविटी और रेडिएशन का प्रभाव
स्पेस में जीरो ग्रैविटी की स्थिति से शरीर के बहुत सारे अंग प्रभावित होते हैं, खासकर हड्डियां। एस्ट्रोनॉट्स की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, और छह महीने में ही बोन डेंसिटी 12 प्रतिशत तक घट जाती है। अगर स्पेस में महिला एस्ट्रोनॉट की प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे का जन्म होता है तो जीरो ग्रैविटी और रेडिएशन के कारण बच्चे के शरीर में कुछ असामान्यताएं हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर उसका सिर आकार में बड़ा हो सकता है या उसकी त्वचा ट्रांसपैरेंट हो सकती है।
चूहों पर किए गए प्रयोग
वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए कुछ प्रयोग किए हैं। उन्होंने चूहों के फ्रीज-ड्रायड स्पर्म को स्पेस में भेजा और उन्हें 6 साल बाद पृथ्वी पर लाकर फर्जीलाइज किया। इससे 168 चूहों का जन्म हुआ, लेकिन इस प्रयोग में यह देखा गया कि रेडिएशन का कोई गंभीर प्रभाव चूहों पर नहीं पड़ा। हालांकि, इंसानी जन्म के संदर्भ में इससे कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है।
क्या स्पेस में इंसानी बच्चे का जन्म कभी संभव होगा?
वर्तमान में, वैज्ञानिकों के पास इस सवाल का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। अगर भविष्य में इंसान दूसरे ग्रहों पर बसी तो स्पेस में इंसानी बच्चे का जन्म एक बड़ा सवाल बनेगा। अगर ऐसा संभव भी हुआ, तो उस पर रेडिएशन और जीरो ग्रैविटी का असर कैसे होगा, यह अभी भी एक अनसुलझी गुत्थी है। इसके लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्पेस में जीवन को बनाए रखा जा सकता है।