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Gold Price: अगले 12 महीने में सोने की कीमतों में आ सकती है भारी गिरावट, जानिए पूरी रिपोर्ट

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 26 Apr, 2025 08:20 PM

gold price gold prices may fall drastically in the next 12 months

अमेरिकी डॉलर में आई जबरदस्त मजबूती और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर तनाव में कमी के चलते सोने की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों से सोने की कीमतों में लगातार बिकवाली देखी जा रही है।

इंटरनेशनल डेस्क: अमेरिकी डॉलर में आई जबरदस्त मजबूती और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर तनाव में कमी के चलते सोने की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों से सोने की कीमतों में लगातार बिकवाली देखी जा रही है। एमसीएक्स (MCX) पर सोने का भाव 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर से फिसलकर 95,000 रुपये के आसपास आ गया है। यानी महज कुछ दिनों में सोना करीब 4,300 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। हाजिर सोना बुधवार को एक दिन में 100 डॉलर से अधिक लुढ़क गया। शुक्रवार को सोना 3,298.20 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जो अब तक के उच्चतम स्तर से करीब 200 डॉलर नीचे है। कॉमेक्स (COMEX) पर सोने का दाम शुक्रवार को 3,318 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर रहा।

12 महीनों में और गिरेगा सोना- बड़ा दावा

कजाखस्तान की दूसरी सबसे बड़ी गोल्ड माइनिंग कंपनी सॉलिडकोर रिसोर्सेज पीएलसी के सीईओ ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि अगले 12 महीनों के भीतर सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। उन्होंने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि सोने का दाम 2,500 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकता है। यानी मौजूदा स्तर से भी करीब 800 डॉलर की भारी गिरावट संभव है।

नहीं होगी पुराने लेवल पर वापसी

सॉलिडकोर के सीईओ ने यह भी कहा कि अब सोने के दाम 1,800-1,900 डॉलर के पुराने स्तर पर वापस नहीं लौटेंगे। हालांकि, बेस लेवल पर थोड़ा प्रीमियम जरूर बना रहेगा। उन्होंने मौजूदा तेजी को दुनिया में चल रही घटनाओं के प्रति एक "ओवर-रिएक्शन" बताया है। यानी निवेशकों में डर के चलते दाम ज्यादा बढ़े थे, लेकिन अब बाजार संतुलित हो रहा है।

अमेरिकी नीतियों का सोने पर असर

कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका-चीन के बीच तनाव घटने और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में तेजी के कारण सोने पर दबाव बना है। जब खबर आई कि व्हाइट हाउस चीन पर टैरिफ में कटौती कर सकता है, तो डॉलर इंडेक्स तेजी से उछला और सोने की चमक फीकी पड़ गई। विशेषज्ञों के अनुसार डॉलर और सोने के बीच उल्टा संबंध होता है। जब डॉलर मजबूत होता है तो सोने की मांग और दाम घट जाते हैं।

निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

जानकारों का कहना है कि फिलहाल सोने में जल्दबाजी में निवेश करने से बचना चाहिए। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो कुछ महीनों तक रुझान का इंतजार करें। गिरावट के दौरान धीरे-धीरे खरीदारी करना बेहतर रहेगा ताकि जोखिम को कम किया जा सके। खासकर दीर्घकालिक निवेशक को कीमतों में स्थिरता का इंतजार करना चाहिए।

 

 

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