Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 15 Apr, 2025 11:32 AM
हिंदू धर्म में युगों का विशेष महत्व है और उसमें कलियुग को सबसे अंधकारमय और पापमय युग बताया गया है। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ने हाल ही में कलियुग को लेकर एक ऐसी भविष्यवाणी की है
नेशनल डेस्क: हिंदू धर्म में युगों का विशेष महत्व है और उसमें कलियुग को सबसे अंधकारमय और पापमय युग बताया गया है। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ने हाल ही में कलियुग को लेकर एक ऐसी भविष्यवाणी की है, जिसने भक्तों और समाज दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उन्होंने बताया कि आने वाला समय कितना भयानक और विनाशकारी हो सकता है।
कलियुग की उम्र और शुरुआत
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार कलियुग की कुल अवधि 4 लाख 32 हजार वर्ष की है। वर्तमान समय उसी कलियुग का एक भाग है जिसमें अधर्म, झूठ और पाखंड दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज के युग में भजन करना सबसे कठिन होता जा रहा है और यही समय है जब भगवान के नाम का स्मरण करना आवश्यक है। प्रेमानंद जी ने बताया कि जैसे-जैसे कलियुग अपने चरम की ओर बढ़ेगा, समाज में झूठ, हिंसा, शोक और मोह बढ़ता चला जाएगा। लोगों की दृष्टि भ्रष्ट हो जाएगी और धन कमाने की होड़ में वे नैतिकता को भूल जाएंगे “कलियुग में कोई भी सच्चा साधु नहीं बचेगा, सब पाखंड की राह पर चलेंगे” – प्रेमानंद जी महाराज कलियुग में साधु-संत भी भौतिक लालसा में पड़ जाएंगे। वे त्याग की बजाय धन संचय करने लगेंगे। लोग धर्म की आड़ में व्यापार करेंगे और शास्त्रों को तोड़-मरोड़ कर पेश करेंगे। प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, कलियुग में स्त्रियों का शरीर छोटा होता जाएगा लेकिन उनकी वासनाएं बढ़ेंगी। संतानें अधिक होंगी पर वे मर्यादा और शील त्याग देंगी। वे अपने शब्दों से कड़वाहट फैलाएंगी और चोरी, कपट तथा धोखाधड़ी को सामान्य समझेंगी। व्यापारी वर्ग भी कलियुग में सिर्फ लाभ की सोच रखेगा। प्रेमानंद जी ने कहा कि लोग कोड़ियों के लिए भी धोखा देने में पीछे नहीं हटेंगे। विश्वास, ईमानदारी और नैतिकता की जगह ले लेगा कपट और छल। कलियुग में प्रेम भी असली नहीं होगा। लोग सिर्फ अपने स्वार्थ और काम वासना को पूरा करने के लिए प्यार का दिखावा करेंगे। रिश्तों में सच्चाई नहीं बच पाएगी।
प्रेमानंद जी महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार जब कलियुग अपने अंतिम चरण में होगा, तब महाप्रलय होगा। धरती पर सूखा पड़ेगा, लोग भूख से तड़पेंगे और चारों ओर अराजकता फैल जाएगी। ये संकेत होंगे उस विनाश के जो सतयुग की वापसी से पहले आएगा।
फिर होगा कल्कि अवतार और सतयुग की शुरुआत
हिंदू धर्म के अनुसार, जब अधर्म अपने चरम पर होगा तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे। वे घोड़े पर सवार होकर पापियों का संहार करेंगे और उसके बाद सतयुग की नई शुरुआत होगी। प्रेमानंद जी महाराज ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि चाहे कलियुग कितना भी घोर क्यों न हो, अगर कोई व्यक्ति एक बार भी भगवान का नाम सच्चे मन से ले लेता है तो उसे पापों से मुक्ति मिल सकती है। यही एकमात्र उपाय है जिससे व्यक्ति कलियुग की अंधकारमय राह से बच सकता है।
कौन हैं प्रेमानंद जी महाराज?
प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के श्रद्धेय संत हैं जो धार्मिक प्रवचनों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। उनके प्रवचन न केवल लोगों को आध्यात्म से जोड़ते हैं बल्कि उन्हें जीवन की सच्चाई से भी परिचित कराते हैं। उनका हर प्रवचन सोशल मीडिया पर लाखों लोगों तक पहुंचता है।