Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Dec, 2024 08:45 AM
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में बड़ा झटका लगा है। न्यूयॉर्क के न्यायाधीश जुआन मर्चेन ने सोमवार को अपने फैसले में साफ कर दिया कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी ट्रंप को इस मामले में कोई राहत नहीं मिलेगी। न्यायालय ने...
नेशनल डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में बड़ा झटका लगा है। न्यूयॉर्क के न्यायाधीश जुआन मर्चेन ने सोमवार को अपने फैसले में साफ कर दिया कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी ट्रंप को इस मामले में कोई राहत नहीं मिलेगी। न्यायालय ने उनकी मई में सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है। यह फैसला राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी कानूनी जवाबदेही का एक मजबूत संदेश देता है।
न्यायाधीश का तर्क: आधिकारिक कार्यों से असंबंधित मामला
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायाधीश मर्चेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपतियों को उनके आधिकारिक कार्यों के लिए दी गई प्रतिरक्षा इस मामले में लागू नहीं होती। मुकदमे में गवाही पूरी तरह से व्यक्तिगत और अनाधिकारिक आचरण से संबंधित थी, जिसमें प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं बनता। न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी यही जानकारी दी है।
गंभीर आरोप के साथ राष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति हो सकते हैं ट्रंप
इस फैसले के बाद संभावना बढ़ गई है कि ट्रंप गंभीर आपराधिक आरोप के साथ व्हाइट हाउस जाने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन सकते हैं। यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान का है, जब ट्रंप ने एक पोर्न स्टार को चुप्पी बनाए रखने के लिए पैसे दिए और इस भुगतान को छुपाकर चुनावी संभावनाओं को प्रभावित करने की कोशिश की।
सजा स्थगन पर भी विवाद
न्यायालय ने 5 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को देखते हुए ट्रंप की सजा पर सुनवाई 22 नवंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी थी। हालांकि, सोमवार का फैसला इस मामले में ट्रंप के लिए राहत की संभावनाओं को लगभग समाप्त करता है।
न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ ट्रंप का रुख
डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से इस आपराधिक प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। लेकिन न्यायालय का यह फैसला दिखाता है कि राष्ट्रपति जैसे उच्च पद पर रहते हुए भी कानून के प्रति जवाबदेही से बचा नहीं जा सकता।