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WHO Warning On Cancer: भारत में तेजी से बढ़ रहा ये कैंसर, बड़ा खतरा

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 28 Feb, 2025 11:07 AM

warning of who this cancer is increasing rapidly in india

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अगर यह वृद्धि इसी गति से जारी रही, तो 2050 तक हर साल 3.2 मिलियन नए मामले सामने आ सकते हैं, और 1.1 मिलियन लोग...

इंटरनेशन डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अगर यह वृद्धि इसी गति से जारी रही, तो 2050 तक हर साल 3.2 मिलियन नए मामले सामने आ सकते हैं और 1.1 मिलियन लोग इसकी वजह से अपनी जान गंवा सकते हैं। WHO ने यह भी कहा है कि जिन देशों का मानव विकास सूचकांक (HDI) कम है, वहां ब्रेस्ट कैंसर के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय बन गया है, खासकर भारत के लिए, जहां इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

भारत में स्तन कैंसर ICMR की रिपोर्ट पर गंभीर चिंता

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कैंसर के मामलों की संख्या दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जहां चीन और अमेरिका के बाद सबसे अधिक कैंसर के मामले दर्ज हो रहे हैं। ICMR का कहना है कि विश्व में कैंसर से होने वाली 10% से अधिक मौतें भारत में होती हैं, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर हैं। भारत में हर तीन में से दो कैंसर रोगी की मृत्यु हो जाती है और महिलाओं पर यह बोझ पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। आने वाले वर्षों में, भारत में कैंसर के मामलों में 2% की वार्षिक वृद्धि होने का अनुमान है, खासकर जनसंख्या के बढ़ते उम्र के कारण।

भारत में युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा

भारत में युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जो एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के 5-10% मामले आनुवंशिक होते हैं, जबकि 90% मामले जीवनशैली और पर्यावरणीय कारणों से होते हैं। भारत में समय पर पहचान और जागरूकता की कमी के कारण यह समस्या और भी बढ़ रही है। देर से विवाह, देर से बच्चों का जन्म, कम स्तनपान, मोटापा, दूषित डेयरी उत्पाद और कीटनाशक संदूषण जैसे कारण इस बढ़ते खतरे के पीछे हो सकते हैं।

भारत में ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पहचान और इलाज

भारत में ब्रेस्ट कैंसर का मामला पश्चिमी देशों की तुलना में एक दशक पहले होता है। यहां ब्रेस्ट कैंसर 40 की उम्र में चरम पर पहुंचता है, जबकि पश्चिमी देशों में यह 50 की उम्र के बाद अधिक देखा जाता है। भारत में ब्रेस्ट कैंसर अधिक आक्रामक होता है, जैसे कि ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर। भारत में जल्दी होने वाला ब्रेस्ट कैंसर, इलाज में और चुनौतियां उत्पन्न करता है क्योंकि अधिकतर मामलों में इलाज देरी से शुरू होता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और पहचान जागरूकता की आवश्यकता

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ, आकार में बदलाव, त्वचा में बदलाव, निप्पल में बदलाव और बगल में सूजन शामिल हो सकते हैं। भारत में बड़ी संख्या में युवा महिलाएं इस बीमारी से प्रभावित हो रही हैं। जागरूकता की कमी और नियमित स्क्रीनिंग की कमी के कारण अधिकांश मामलों का पता देर से चलता है। अगर इस बीमारी का समय पर पता चल जाए, तो उपचार के परिणाम बेहतर हो सकते हैं।

समाधान- जागरूकता और जल्दी पहचान

भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में वृद्धि को नियंत्रित करने का एकमात्र समाधान जागरूकता और जल्दी पहचान है। लोगों को इस बीमारी के लक्षणों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे समय रहते इसका इलाज करवा सकें। नियमित जांच और स्क्रीनिंग से प्रारंभिक पहचान में मदद मिल सकती है। इससे इलाज के परिणाम बेहतर होंगे और मृत्यु दर कम हो सकती है।
 

 

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