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किस विटामिन की कमी से आता है बार-बार गुस्सा?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Mar, 2025 02:17 PM

which vitamin deficiency causes frequent anger

गुस्सा आना एक सामान्य मानवीय भावना है, लेकिन जब यह बार-बार और छोटी-छोटी बातों पर आने लगे, तो यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी हो सकती है।

नेशनल डेस्क: गुस्सा आना एक सामान्य मानवीय भावना है, लेकिन जब यह बार-बार और छोटी-छोटी बातों पर आने लगे, तो यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी हो सकती है। अक्सर हम गुस्से को खुद पर काबू पाने की एक समस्या मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका कारण शरीर में किसी महत्वपूर्ण विटामिन की कमी भी हो सकता है? हां, विटामिन बी6, बी12 और विटामिन डी की कमी से गुस्सा, मूड स्विंग्स और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि गुस्से के इस लक्षण का क्या संबंध है विटामिन की कमी से और इसके इलाज के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

विटामिन बी6 और बी12 की कमी

विटामिन बी6 और विटामिन बी12 की कमी से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। ये दोनों विटामिन शरीर के तंत्रिका तंत्र को सही तरीके से काम करने के लिए आवश्यक होते हैं। विटामिन बी6, जो खासकर मांस, मछली, अंडे और पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है, मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। इसके अलावा, विटामिन बी12 भी मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सामान्य कार्य में मदद करता है। जब शरीर में इन विटामिनों की कमी होती है, तो यह मानसिक तनाव, गुस्सा और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है। इन विटामिनों की कमी से शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ जाता है, जो हमारी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। नतीजतन, व्यक्ति जल्दी गुस्से में आता है और उसे शांत करना मुश्किल हो जाता है।

मूड स्विंग का कारण इस विटामिन की कमी

विटामिन डी की कमी भी मूड स्विंग और गुस्से का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है। विटामिन डी को "सूर्य विटामिन" भी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर में सूर्य की रोशनी से बनता है। यदि किसी व्यक्ति को पर्याप्त सूर्य की रोशनी नहीं मिलती या वह विटामिन डी युक्त आहार का सेवन नहीं करता, तो इसकी कमी हो सकती है, जिससे अवसाद और गुस्से की समस्या उत्पन्न हो सकती है। विटामिन डी के कमी से शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस का स्तर प्रभावित होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, विटामिन डी का असर सेरोटोनिन (जो "फील-गुड" हार्मोन के रूप में जाना जाता है) के स्तर पर भी पड़ता है, जो मूड को स्थिर रखने में मदद करता है।

गुस्से से बचने के लिए आहार में सुधार

गुस्से और मूड स्विंग्स से निपटने के लिए आहार में विटामिन बी6, बी12 और डी की भरपूर मात्रा को शामिल करना जरूरी है। इन विटामिनों के स्रोतों में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल हैं:

  • विटामिन बी6: दूध, पपीता, केले, मांस, मछली, आलू, चावल और पत्तेदार हरी सब्जियां
  • विटामिन बी12: मांस, मछली, अंडे, दूध, दही और पनीर
  • विटामिन डी: सूरज की रोशनी, बादाम, संतरे, अंडे, मछली, और तैलीय खाद्य पदार्थ

इसके अलावा, रोजाना सूर्य की रोशनी में समय बिताना और विटामिन डी के अच्छे स्रोतों का सेवन करने से मानसिक शांति और संतुलन में मदद मिल सकती है।

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