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दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के पंडाल में जुटी हजारों महिलाएं, साथ में मनाया ‘नारी कुम्भ’

Updated: 24 Jan, 2025 09:28 AM

thousands of women gathered in pandal of divya jyoti jagrati sansthan

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के शिविर में संस्थान के महिला सशक्तिकरण प्रकल्प, ‘संतुलन’ द्वारा ‘नारी सतयुग लाएगी बैठक’ का भव्य आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित नारी शक्ति को समर्पित था।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के शिविर में संस्थान के महिला सशक्तिकरण प्रकल्प, ‘संतुलन’ द्वारा ‘नारी सतयुग लाएगी बैठक’ का भव्य आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित नारी शक्ति को समर्पित था। जिसका उद्देश्य था- भारतीय नारी को 21वीं सदी की वेद कालीन नारी के रूप में रूपांतरित कर उनका सम्पूर्ण सशक्तिकरण करना। बैठक में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, डॉ बबिता सिंह चौहान और आईएएस अफ़सर डॉ. रश्मि सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई।

इस सम्मलेन में 2000+ नारी शक्ति की उपस्थिति रही, जिनमें महिला वकील, मजिस्ट्रेट, प्रोफेसर, बड़े कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की वीसी, डीन, स्कूलों और कॉलेजों की प्रध्यापिकाएं, अध्यापिकाएं, महिला डिज़ाइनर, महिला फोटोग्राफर, महिला पर्यावरणविद, महिला सीए, महिला उद्योगपति इत्यादि शामिल थी। 


कार्यक्रम की पूर्ण रूप-रेखा दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्याओं द्वारा की गई- मंच संचालन और व्याखानों से लेकर म्यूज़िकल बैंड तक। नारियों की 21वीं सदी में अग्रणीय भूमिका पर वैचारिक पैनल वार्ता हुई जिसमें उत्तर प्रदेश की कई प्रशंसित इतिहासकार, प्रोफेसर, लेखिकाओं ने भाग लिया। ‘बुंदेले हरबोलों के मुंह…’ प्रसिद्ध कविता की व्याख्या सहित संगीतमयी प्रस्तुति को उपस्थित हज़ारों महिलाओं ने भी साथ में गुनगुनाया। साथ ही बुलंदियों के शिखरों पर पहुंची लगभग 25 प्रतिष्ठित नारियों का ‘संतुलन स्वाभिमानी नारी पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया।

संस्थान के ‘संतुलन’ प्रकल्प की इंचार्ज, साध्वी दीपिका भारती जी ने कहा- जहाँ महिलाओं की प्रगति का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ रहा है, वहीं महिलाओं के साथ हिंसा एवं अपराध का ग्राफ भी ऊपर ही जा रहा है। ऐसे में यह विचार करना ज़रूरी हो जाता है कि क्या महिलाएं सच में सशक्त हो रही हैं? शायद नहीं! वास्तव में शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक सशक्तिकरण का आधारभूत केंद्र आध्यात्मिक सशक्तिकरण है। वह सशक्तिकरण, जो पाया था माता पार्वती ने जिसके द्वारा वह अपने पूर्ण स्वरूप मां दुर्गा के रूपांतरित हो पाई। ऐसा ही वैदिक सशक्तिकरण पाया था संत मीराबाई ने, रानी लक्ष्मीबाई ने, ब्रह्मवादिनी गार्गी ने, मैत्रेयी ने, सुलभा ने, घोषा ने भी।

साध्वी जी ने आगे उद्घोष किया कि महिला सशक्तिकरण की उसी वैदिक धारा को आज दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी ने पुनर्जागृत किया है। जिनके आशीर्वाद से भारत में लाखों कन्यायें व महिलाएं ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आध्यात्मिक स्तर पर सशक्त होकर सम्पूर्ण सशक्तिकरण के मार्ग पर अग्रसर हैं। संस्थान में लगभग 6,000 विद्वत्त एवं प्रबुद्ध संन्यासी साध्वियां भी हैं, जो संस्थान के विश्व भर में फैले आश्रमों के माध्यम से महिलाओं के सम्मान की उसी गरिमा को पुनार्स्थापित कर रही हैं। और तो और दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की मैनेजमेंट में 80% कार्यभार संभालने वाली आज की वैदिक नारियां, दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्याएं ही हैं।

 

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