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37 सर्जरी के बाद बन गई 'इंसानी मूर्ति', ये फुटबॉल हादसा आपको हैरान कर देगा

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Apr, 2025 12:40 PM

megan king undergoes 37 surgeries for woman injured while playing football

कभी-कभी जीवन एक ही पल में ऐसा मोड़ लेता है जो इंसान की पूरी दुनिया बदल देता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तमाम तकलीफों और दर्द को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की मिसाल बन जाते हैं।

इंटरनेशनल डेस्क: कभी-कभी जीवन एक ही पल में ऐसा मोड़ लेता है जो इंसान की पूरी दुनिया बदल देता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो तमाम तकलीफों और दर्द को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की मिसाल बन जाते हैं। अमेरिका की रहने वाली मेगन किंग भी ऐसी ही एक जाबांज महिला हैं जिन्होंने 37 सर्जरी के बाद फिर से जीने की राह पकड़ी है। आज वह भले ही चल नहीं सकतीं सिर भी नहीं हिला सकतीं लेकिन उनका जज्बा और हौसला करोड़ों लोगों को प्रेरणा दे रहा है।

फुटबॉल खेलते वक्त हुआ दर्दनाक हादसा
साल 2005 की बात है जब मेगन किंग केवल 16 साल की थीं। स्कूल की जिम क्लास में फुटबॉल खेलते हुए वह गिर पड़ीं। गिरावट इतनी जबरदस्त थी कि उनके टखने मुड़ गए, दोनों कंधों की मांसपेशियां फट गईं और रीढ़ की हड्डी तक चोटिल हो गई। शुरुआत में ये एक आम चोट की तरह लगा लेकिन धीरे-धीरे हालत और बिगड़ती चली गई। गिरने के कुछ समय बाद मेगन को महसूस हुआ कि उनके शरीर के जोड़ कमजोर होने लगे हैं। मांसपेशियां अंदर से फटने लगीं और दर्द असहनीय होता चला गया। उन्हें चलने फिरने में तकलीफ होने लगी और सर्जरी करवाने की नौबत आ गई। शुरुआती इलाज में मेगन ने अपने कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से पर कुल 22 सर्जरी करवाईं। इसके बावजूद उन्हें कोई राहत नहीं मिली। डॉक्टर भी समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर मेगन का शरीर क्यों नहीं ठीक हो रहा।

10 साल बाद सामने आई असली बीमारी
दुर्घटना के लगभग 10 साल बाद साल 2015 में डॉक्टरों ने मेगन को 'हाइपरमोबाइल एहलर्स-डैनलोस सिंड्रोम' (hEDS) नामक एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से पीड़ित पाया। इस बीमारी में शरीर के संयोजी ऊतक कमजोर हो जाते हैं जिससे जोड़ों की स्थिरता बिगड़ जाती है और बार-बार चोट लगने का खतरा बना रहता है।
इलाज के दौरान साल 2016 में मेगन की गर्दन की हड्डी खिसक गई। डॉक्टरों ने उन्हें 'हेलो ब्रेस' पहनाया जो गर्दन को स्थिर करने के लिए खोपड़ी में स्क्रू लगाकर लगाया जाता है। लेकिन जब एक साल बाद ब्रेस हटाया गया तो मेगन की खोपड़ी लगभग रीढ़ से अलग हो गई। मेडिकल भाषा में इसे 'अटलांटो-ऑक्सिपिटल डिस्लोकेशन' कहा जाता है जिसे 'आंतरिक सिर कटना' भी कहते हैं।

जानलेवा स्थिति में बची जान, लेकिन...
इस स्थिति में 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मरीज की मौत हो जाती है। लेकिन डॉक्टरों की तत्परता से मेगन की इमरजेंसी सर्जरी की गई और उनकी जान बचाई गई। इसके बाद मेगन को और कई सर्जरी से गुजरना पड़ा।

अब बन गईं हैं ‘इंसानी मूर्ति’
मेगन अब न सिर झुका सकती हैं, न उसे किसी दिशा में घुमा सकती हैं। उन्होंने खुद बताया कि उनकी रीढ़ पूरी तरह स्थिर हो चुकी है। वह अब किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं कर सकतीं। इस स्थिति को लेकर वह कहती हैं, “मैं अब इंसानी मूर्ति बन चुकी हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैंने जीना छोड़ दिया है।”

 

 

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