Edited By Mahima,Updated: 24 Mar, 2025 02:28 PM

एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि पीठ और कमर दर्द के लिए उपलब्ध 56 नॉन-सर्जिकल उपचारों में से केवल 6 ही असरदार हैं। सबसे प्रभावी उपाय व्यायाम है, जबकि मसाज, दर्द निवारक दवाएं और फुट ऑर्थोटिक्स जैसे अन्य उपचार सीमित राहत देते हैं। इस अध्ययन में 301...
नेशनल डेस्क: पीठ और कमर दर्द दुनियाभर में एक आम समस्या बन चुकी है, और इसके इलाज के लिए विभिन्न नॉन-सर्जिकल उपायों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि इन उपायों में से अधिकांश बेअसर या नुकसानदायक होते हैं। इस अध्ययन में 56 नॉन-सर्जिकल उपचारों या उनके संयोजन की समीक्षा की गई और परिणाम चौंकाने वाले थे।
ऑस्ट्रेलिया के न्यूरोसाइंस रिसर्च सेंटर के डॉ. एडन कैशिन के नेतृत्व में किया गया अध्ययन
ऑस्ट्रेलिया के न्यूरोसाइंस रिसर्च सेंटर के डॉ. एडन कैशिन ने 44 देशों से 301 रैंडमाइंड कंट्रोल ट्रायल्स (RCTs) का विश्लेषण किया। यह अध्ययन 56 नॉन-सर्जिकल उपचारों और उनके संयोजनों पर आधारित था, जिनमें मसाज, एक्यूपंक्चर, स्ट्रेचिंग, विभिन्न प्रकार की दवाएं, और अन्य तरीकों का समावेश था। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन 56 उपचारों में से केवल 10% ही कुछ राहत देने में सक्षम थे, जबकि बाकी के उपाय या तो बेअसर थे या फिर इनसे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
भारत में पीठ और कमर दर्द का प्रभाव
भारत में लगभग 48% लोग किसी न किसी समय पीठ और कमर दर्द से पीड़ित होते हैं। यह आंकड़ा ब्रिटेन में 60% तक है। पीठ दर्द के कारण लोग न केवल शारीरिक दर्द से परेशान होते हैं, बल्कि इसका असर उनके मानसिक और सामाजिक जीवन पर भी पड़ता है। तीव्र दर्द, उठने-बैठने में कठिनाई, काम करने में असमर्थता और सामाजिक गतिविधियों से बचना इसके प्रमुख लक्षण होते हैं। कुछ लोग इस दर्द से कुछ हफ्तों में उबर जाते हैं, जबकि अन्य लोगों को यह समस्या वर्षों तक परेशान करती है।
पुराने पीठ दर्द में कसरत से मिलती है राहत
शोधकर्ताओं ने यह पाया कि कुछ नॉन-सर्जिकल उपचार विशेष रूप से पीठ दर्द के लिए प्रभावी होते हैं। इन उपायों में सबसे प्रभावी उपाय था व्यायाम। पुराने पीठ दर्द में कसरत से राहत मिलती है, और यह इलाज के रूप में सबसे सहायक साबित हुआ है। इसके अलावा, स्पाइनल मैनिपुलेटिव थेरेपी (स्पाइन को हाथों से ठीक करने वाली तकनीक), टेपिंग (फिजियोथेरेपी की तकनीक), एनएसएआईडी (नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स), एंटीडिप्रेसेंट्स और टीपीआरवी (टेन्स-प्रेसर-रिफ्लेक्स थेरेपी) भी कुछ मामलों में फायदेमंद पाए गए।
क्या हैं बेअसर और हानिकारक उपाय?
अध्ययन में यह भी पाया गया कि कई उपाय, जैसे मालिश, दर्द निवारक दवाएं और फुट ऑर्थोटिक्स, पीठ दर्द में कुछ हद तक राहत दे सकते हैं, लेकिन इनके असर की सीमा बहुत कम थी। अन्य 45 उपचारों के लिए स्पष्ट या मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं, और कुछ उपायों के परिणामस्वरूप स्थिति और भी बिगड़ सकती है। मालिश, जो कि एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है, पीठ दर्द में राहत देने के बजाय कुछ मामलों में दर्द को और बढ़ा सकती है। इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि पीठ दर्द के इलाज में सबसे प्रभावी उपचार व्यायाम है। हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपाय अलग हो सकते हैं, और किसी भी उपचार को अपनाने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी है। हाथों से किए जाने वाले उपचार, जैसे स्पाइनल मैनिपुलेटिव थेरेपी, कुछ मामलों में लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन इनका असर सीमित है। इसी तरह, दर्द निवारक दवाएं और अन्य उपाय पीठ दर्द की स्थिति में कमी ला सकते हैं, लेकिन सभी के लिए यह उपाय कारगर नहीं होते हैं।
कैसी है भारत में उपचार की स्थिति
भारत में पीठ दर्द के लिए उपचार के तरीके अधिकतर पारंपरिक होते हैं, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के आधार पर किए गए शोध से यह सिद्ध हुआ है कि सबसे प्रभावी उपाय व्यायाम है। इसके अलावा, पीठ दर्द के इलाज के लिए पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट से सहायता लेना और सही तरीके से इलाज कराना महत्वपूर्ण है।