Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Mar, 2025 04:05 PM

भारतीय नौसेना अप्रैल के मध्य में अफ्रीका महाद्वीप के 10 देशों के साथ एक बड़ा युद्धाभ्यास करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य अफ्रीका के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने बताया कि भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स...
नेशनल डेस्क। भारतीय नौसेना अप्रैल के मध्य में अफ्रीका महाद्वीप के 10 देशों के साथ एक बड़ा युद्धाभ्यास करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य अफ्रीका के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने बताया कि भारतीय नौसेना और तंजानिया पीपुल्स डिफेंस फोर्स इस युद्धाभ्यास को संयुक्त रूप से आयोजित करेंगे।
इसका नाम "अफ्रीका-इंडिया मैरीटाइम एंगेजमेंट" (AIKEME) रखा गया है। यह अभ्यास तंजानिया के दार-एस-सलाम के तट पर आयोजित होगा और इसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह अभ्यास छह दिन तक चलेगा। इसमें अफ्रीका के 10 देशों – कोमोरोस, जिबूती, इरिट्रिया, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया – की नौसेनाएं भाग लेंगी।
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प्रधानमंत्री मोदी का विजन
यह युद्धाभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "वैश्विक दक्षिण के साथ जुड़ाव" के विजन के अनुरूप है जिसे उन्होंने हाल ही में मॉरीशस यात्रा के दौरान घोषित किया था। इस विजन को "म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ एक्रॉस रीजन" (MUSHAR) नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देना है।
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समुद्री डकैती रोधी अभ्यास पर फोकस
वाइस एडमिरल सोबती ने कहा कि इस अभ्यास में विशेष रूप से समुद्री डकैती को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर जोर दिया जाएगा। बंदरगाह चरण में समुद्री डकैती और सूचना साझा करने पर टेबल-टॉप और कमांड-पोस्ट अभ्यास किए जाएंगे। इसके अलावा नाविकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। समुद्री चरण में खोज और बचाव, जहाज पर सर्च और जब्ती, छोटे हथियारों से गोलीबारी और हेलीकॉप्टर संचालन जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी किए जाएंगे।
कहा जा सकता है कि यह युद्धाभ्यास भारत और अफ्रीका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।