Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 06 Jan, 2025 02:43 PM
बीकानेर के ऊंट इन दिनों शाही जीवन जी रहे हैं। ठंड का मौसम और अंतरराष्ट्रीय कैमल फेस्टिवल की तैयारियां, दोनों ने ऊंटों की दिनचर्या को बेहद खास बना दिया है। ऊंट पालक इन दिनों अपने ऊंटों को केवल चारा ही नहीं, बल्कि गाय का देशी दूध, घी, काजू और बादाम भी...
नेशनल डेस्क: बीकानेर के ऊंट इन दिनों शाही जीवन जी रहे हैं। ठंड का मौसम और अंतरराष्ट्रीय कैमल फेस्टिवल की तैयारियां, दोनों ने ऊंटों की दिनचर्या को बेहद खास बना दिया है। ऊंट पालक इन दिनों अपने ऊंटों को केवल चारा ही नहीं, बल्कि गाय का देशी दूध, घी, काजू और बादाम भी खिला रहे हैं। यह खास डाइट न केवल ऊंटों के स्वास्थ्य को बेहतर कर रही है, बल्कि उनकी ताकत और स्टेमिना भी बढ़ा रही है।
कैसे हो रही है ऊंटों की देखभाल?
तीन पीढ़ियों से ऊंट पालन कर रहे समीर खान बताते हैं कि वह पिछले डेढ़ महीने से ऊंटों को विशेष खुराक दे रहे हैं। ऊंटों को सुबह-शाम 10 किलो मोठ और मूंगफली के चारे के साथ 2 किलो दूध, 300 ग्राम घी और जरूरत के हिसाब से तेल दिया जा रहा है। साथ ही, काजू-बादाम जैसी पौष्टिक चीजें भी डाइट में शामिल की गई हैं। इसके अलावा, ठंड से बचाव के लिए ऊंटों को गर्म पानी में फिटकरी भी दी जा रही है।
कैमल फेस्टिवल का असर
बीकानेर में हर साल आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय कैमल फेस्टिवल में ऊंटों की सजावट और दौड़ की प्रतियोगिताएं होती हैं। ऊंटों के आकर्षक दिखने और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए यह खास डाइट दी जा रही है। इस बार 20 से 30 ऊंट दौड़ में हिस्सा लेंगे, जो 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होंगे।
सजावट और स्टेमिना का महत्व
पिछले साल फर कटिंग और सजावट प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाने वाले समीर खान के ऊंट को इस बार और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। उनका ऊंट 7 से 8 क्विंटल वजन का है और अपनी अनोखी डाइट से बेहद फिट नजर आ रहा है।